कनाडा में इन दिनों गैंगवार और एक्सटॉर्शन से जुड़ी वारदातों में तेजी देखी जा रही है. हाल ही में कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैप्स कैफे पर हुई फायरिंग के बाद इस मुद्दे ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं. अब इस मामले में कनाडा सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी ने उगाही गैंग से जुड़े तीन विदेशी नागरिकों को देश से डिपोर्ट कर दिया है.
एजेंसी ने बताया कि इन तीनों को संगठित अपराध से जुड़े होने और एक्सटॉर्शन नेटवर्क में शामिल पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई. हालांकि, सरकार ने अभी तक इन लोगों की पहचान उजागर नहीं की है. इसी के साथ 78 अन्य विदेशी नागरिकों की भी पहचान की गई है, जिन पर संगठित अपराध में संलिप्त होने का शक है. इन सभी के खिलाफ इमिग्रेशन जांच शुरू कर दी गई है.
फायरिंग के बाद बनी स्पेशल टास्क फोर्स
बीते महीनों में कनाडा के कई इलाकों में बिजनेस प्रतिष्ठानों और भारतीय मूल के व्यापारियों पर फायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. इन्हीं में कपिल शर्मा के कैफे पर फायरिंग की घटना ने सबका ध्यान खींचा था. इसके बाद ब्रिटिश कोलंबिया एक्सटॉर्शन टास्क फोर्स का गठन किया गया था, जो इन मामलों की निगरानी कर रही है.
बिश्नोई गैंग को घोषित किया गया आतंकवादी संगठन
सूत्रों के मुताबिक, कनाडा सरकार ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को “विदेशी आतंकवादी संगठन” घोषित किया है, लेकिन इसके बावजूद उसकी आपराधिक गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. बिश्नोई गिरोह के साथ-साथ उसके सहयोगियों गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा के नेटवर्क भी कनाडा में सक्रिय हैं.
ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन, सरे और एबॉट्सफोर्ड जैसे इलाकों में, जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, इन गैंग्स की गतिविधियों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कुछ दिनों पहले ब्रिटिश कोलंबिया के एबॉट्सफोर्ड में भारतीय मूल के व्यापारी दर्शन सिंह साहसी की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गिरोह ने सोशल मीडिया पर ली थी.
सोशल मीडिया से होती है उगाही की शुरुआत
सरे पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ साल 2025 में एक्सटॉर्शन के 65 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 35 मामलों में फायरिंग शामिल थी. पुलिस का कहना है कि अपराधी पहले सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं और क्रिप्टोकरेंसी में वसूली की मांग करते हैं. जब कारोबारी या पीड़ित इनकार करते हैं, तो उन्हें डराने के लिए फायरिंग या हिंसा की जाती है.
प्रवासी समुदाय में बढ़ा डर
इन घटनाओं के चलते कनाडा में भारतीय मूल के प्रवासियों के बीच भय का माहौल है. स्थानीय पुलिस और फेडरल एजेंसियां अब गैंगवार और विदेशी अपराध सिंडिकेट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई में जुट गई हैं. कपिल शर्मा के कैफे पर हुई फायरिंग के बाद की गई यह पहली बड़ी कार्रवाई है, जिससे संकेत मिलते हैं कि कनाडा सरकार अब संगठित अपराध पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाने के मूड में है.