लंदन में 1 लाख से अधिक लोगों का प्रदर्शन, अवैध आव्रजन के खिलाफ उबाल

लंदन की सड़कों पर शनिवार को 1 लाख से अधिक लोग ‘यूनाइट द किंगडम’ रैली में शामिल हुए. इस विशाल प्रदर्शन का नेतृत्व विवादास्पद दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन ने किया. यह रैली ब्रिटेन में अवैध आव्रजन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी सभा मानी जा रही है.

Date Updated
फॉलो करें:

London demonstration: लंदन की सड़कों पर शनिवार को 1 लाख से अधिक लोग ‘यूनाइट द किंगडम’ रैली में शामिल हुए. इस विशाल प्रदर्शन का नेतृत्व विवादास्पद दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन ने किया. यह रैली ब्रिटेन में अवैध आव्रजन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी सभा मानी जा रही है. प्रदर्शन के दौरान व्हाइट हॉल में हिंसक झड़पें भी हुईं, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से चार की हालत गंभीर है.

अवैध आव्रजन पर गुस्सा

प्रदर्शनकारी ब्रिटेन में बढ़ते अवैध आव्रजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनकी मुख्य मांग है कि अवैध प्रवासियों को देश से निष्कासित किया जाए. इस साल इंग्लिश चैनल के रास्ते 28,000 से अधिक प्रवासी छोटी नावों से ब्रिटेन पहुंचे हैं. हाल ही में एक इथियोपियाई प्रवासी द्वारा 14 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न की घटना ने जनता के आक्रोश को और भड़काया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार और पुलिस अवैध आव्रजन को नियंत्रित करने में विफल रही हैं.

व्हाइट हॉल में हिंसक झड़प

‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च के साथ-साथ व्हाइट हॉल में ‘स्टैंड अप टू रेसिज्म’ नामक एक अन्य प्रदर्शन भी चल रहा था, जिसमें करीब 5,000 लोग शामिल थे. पुलिस दोनों समूहों को अलग रखने की कोशिश कर रही थी, तभी हिंसा भड़क उठी. इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं, जिनमें दांत और नाक टूटने जैसी घटनाएं शामिल हैं. पुलिस ने हिंसा में शामिल 25 लोगों को गिरफ्तार किया और अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है.

विवादों के केंद्र में ब्रिटेन

टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीवन क्रिस्टोफर याक्सली-लेनन है, ब्रिटेन के प्रमुख दक्षिणपंथी नेताओं में से एक हैं. वे अपने आव्रजन-विरोधी और इस्लाम-विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण वे हमेशा चर्चा में रहते हैं. इस प्रदर्शन ने ब्रिटेन में आव्रजन नीतियों पर बहस को फिर से हवा दे दी है. सरकार पर अवैध आव्रजन रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है. अगर ठोस नीतियाँ नहीं बनाई गईं, तो भविष्य में और भी बड़े प्रदर्शन हो सकते हैं.