किम जोंग उन का नया फरमान! नॉर्थ कोरिया में महिलाओं के लिए ब्रेस्ट इम्प्लांट अब अपराध घोषित

Kim Jong Un new decree: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक और कठोर आदेश जारी किया है. इस बार महिलाओं की ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी को अपराध करार दिया गया है. सरकार ने इसे “पूंजीवादी और असामाजिकवादी” गतिविधि बताते हुए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है.

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North Korea breast implant ban: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक और कठोर आदेश जारी किया है. इस बार महिलाओं की ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी को अपराध करार दिया गया है. सरकार ने इसे “पूंजीवादी और असामाजिकवादी” गतिविधि बताते हुए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. आदेश के अनुसार, जो भी महिलाएं ऐसी सर्जरी करवाएंगी या जो डॉक्टर इसे अंजाम देंगे, उन्हें गंभीर सजा भुगतनी होगी, यहां तक कि उन्हें श्रमिक शिविरों में भी भेजा जा सकता है.

क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

नॉर्थ कोरियाई प्रशासन का मानना है कि 20 से 30 वर्ष की आयु की महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट इम्प्लांट, आईलिड सर्जरी और टैटू जैसी प्रक्रियाओं की ओर बढ़ रही हैं. सरकार का दावा है कि यह रुझान पूंजीवादी विचारधारा से प्रभावित है, जिसे खत्म करना ज़रूरी है. किम जोंग उन की स्वास्थ्य टीम ने इस प्रवृत्ति को समाज विरोधी घोषित करते हुए इस पर रोक लगा दी है.

सितंबर 2025 में सरीवोन शहर में हुए एक सार्वजनिक मुकदमे के दौरान एक निजी डॉक्टर और दो युवतियों को अवैध सर्जरी कराने और करवाने के आरोप में पेश किया गया. अदालत में सिलिकॉन, चिकित्सा उपकरण और नकदी को सबूत के तौर पर रखा गया. इस मुकदमे के बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी संदिग्ध महिला को स्वास्थ्य टीम द्वारा शारीरिक जांच के लिए बुलाया जा सकता है.

श्रमिक शिविरों में भेजने की चेतावनी

जुलाई से सितंबर 2025 के बीच नॉर्थ कोरिया में एक विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान गुप्त एजेंटों और पड़ोस निगरानी टीमों ने कई महिलाओं की पहचान कर उन्हें जांच के लिए भेजा. सरकार ने चेतावनी दी है कि दोषी पाए जाने पर महिलाओं और डॉक्टरों दोनों को श्रमिक शिविरों में भेजा जाएगा.

स्थानीय प्रतिक्रिया

इस फैसले को लेकर नॉर्थ कोरिया के लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ लोगों ने डॉक्टरों की आर्थिक मजबूरी को समझते हुए सहानुभूति जताई, जबकि कई लोगों ने इस प्रवृत्ति को “पूंजीवादी रोग” बताते हुए सरकार के फैसले का समर्थन किया. वहीं आलोचकों का कहना है कि इस तरह का कठोर प्रतिबंध व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर सीधा हमला है.

किम जोंग उन का यह नया फरमान न केवल महिलाओं की व्यक्तिगत पसंद पर रोक लगाता है, बल्कि इसे नॉर्थ कोरिया में फैली पूंजीवादी सोच के खिलाफ सख्त कदम भी माना जा रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार के इस आदेश के बाद वहां की महिलाएं किस तरह प्रतिक्रिया देती हैं और आगे क्या कदम उठाए जाते हैं.