Khawaja Asif: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उनके इस बयान ने न केवल भारत-पाक संबंधों को तनावपूर्ण बनाया, बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी उनकी आलोचना शुरू हो गई है.
जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख भारत के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं, वहीं ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी ने उनके ही देश की नीतियों पर सवाल उठा दिए हैं.
हुसैन हक्कानी की तीखी प्रतिक्रिया
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने ख्वाजा आसिफ के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जब प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री भारत के साथ बातचीत की बात करते हैं, तब रक्षा मंत्री ऐसी आपत्तिजनक भाषा का उपयोग कैसे कर सकते हैं?” हक्कानी ने सवाल उठाया कि ऐसी भाषा से दोनों देशों के बीच रचनात्मक संवाद कैसे संभव हो सकता है.
शहबाज शरीफ की बातचीत की पहल
हाल ही में, शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात कर भारत के साथ सभी मुद्दों आतंकवाद, POJK, सिंधु जल संधि और व्यापार पर चर्चा की इच्छा जताई थी. इस बीच, ख्वाजा आसिफ का बयान सरकार की कूटनीतिक कोशिशों पर पानी फेरता नजर आ रहा है.
यह पहला मौका नहीं है जब ख्वाजा आसिफ अपने बयानों से विवादों में घिरे हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक विदेशी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान दशकों तक आतंकवाद को पनाह देता रहा है. इस बयान ने पाकिस्तानी सियासत में तूफान ला दिया था, और कई पत्रकारों व विश्लेषकों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी.