यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली! बढ़ी राहत की संभावना

केरल की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया की यमन में 16 जुलाई को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया है.निमिषा पर 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है.भारत सरकार और उनके परिवार की अथक कोशिशों ने इस मामले में नई उम्मीद जगाई है.

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Kerala nurse Nimisha Priya: केरल की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया की यमन में 16 जुलाई को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया है.निमिषा पर 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है.भारत सरकार और उनके परिवार की अथक कोशिशों ने इस मामले में नई उम्मीद जगाई है.

भारत सरकार का राजनयिक हस्तक्षेप

भारत सरकार ने इस मामले में शुरू से ही सक्रिय भूमिका निभाई है.सूत्रों के अनुसार, सरकार ने हाल के दिनों में यमन के स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजन कार्यालय से संपर्क बनाए रखा, जिसके परिणामस्वरूप फांसी को टालने में सफलता मिली.अटॉर्नी जनरल आर.

वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार ने यमन के प्रभावशाली शेखों के साथ बातचीत की और फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने के लिए स्थानीय अभियोजक को पत्र लिखा.हालांकि, हूती नियंत्रित सना में राजनयिक मान्यता की कमी के कारण यह स्थिति जटिल बनी हुई है.

ब्लड मनी पर बातचीत

निमिषा के परिवार और 'सेव निमिषा प्रिया - इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' ने पीड़ित परिवार के साथ 'ब्लड मनी' के जरिए समझौता करने की कोशिश तेज कर दी है.यह शरिया कानून के तहत मुआवजे का एक मान्य रूप है.निमिषा की मां और एक सामाजिक कार्यकर्ता वर्तमान में यमन में पीड़ित परिवार से बातचीत कर रहे हैं.संगठन ने स्पष्ट किया कि वे इस मुआवजे के लिए स्वतंत्र रूप से धन जुटाएंगे.

मामले का इतिहास

निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने तलाल को बेहोश करने के लिए नशीला इंजेक्शन दिया, जिसके ओवरडोज से उसकी मृत्यु हो गई.इसके बाद शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया गया.यमन की निचली अदालत ने 2020 में उन्हें मृत्युदंड सुनाया, जिसे 2023 में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई के लिए निर्धारित की है.निमिषा की जान बचाने की उम्मीद अब ब्लड मनी पर पीड़ित परिवार की सहमति पर टिकी है.भारत सरकार और सामाजिक संगठन इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं.