Israel Defense Ministry: इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक साहसिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस हमले में इजराइली ड्रोन और बमों ने सीरिया के रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय को निशाना बनाया. हमले के बाद दमिश्क के आकाश में धुएं का विशाल गुबार देखा गया, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया. इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कार्रवाई ड्रूज समुदाय पर हुए हमलों का जवाब है. प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं.
क्या अब बदलेगा युद्ध का केंद्र?
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब मंगलवार (15 जुलाई 2025) को इजराइल और सीरिया के बीच ड्रूज मुद्दे पर एक समझौता हुआ था. लेकिन महज 24 घंटों के भीतर इजराइल ने इस समझौते को दरकिनार करते हुए दमिश्क के उमय्यद स्क्वायर के आसपास ड्रोन हमले किए. सीरियाई सेना के अनुसार, इस हमले में कई लोग हताहत हुए हैं, हालांकि नुकसान का पूर्ण आकलन अभी बाकी है. इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब मध्य पूर्व में युद्ध का केंद्र गाजा और लेबनान से हटकर सीरिया की ओर बढ़ गया है?
नेतन्याहू की कोर्ट में मौजूद
गीहमले के समय इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तेल अवीव में कतरगेट मामले में कोर्ट में गवाही दे रहे थे. जैसे ही दमिश्क हमले की खबर जज तक पहुंची, उन्होंने तुरंत सुनवाई स्थगित कर दी. नेतन्याहू इसके बाद तत्काल वार रूम में पहुंचे और सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक शुरू की.
भविष्य की आशंकाएं
सीरिया की नई सरकार को तुर्की और सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा के साथ समझौते की बात कही थी. लेकिन इजराइल का यह हमला क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है. अमेरिका ने दोनों देशों से युद्धविराम की अपील की थी, परंतु इस हमले ने इजराइल और सीरिया के बीच तनातनी को और गहरा दिया है. क्या यह हमला एक नए युद्ध को जन्म देगा, यह समय ही बताएगा.