इजराइल-फिलिस्तीन तनाव! पुर्तगाल ने दी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता, नेतन्याहू को बड़ा झटका

न्यूयॉर्क में 22 सितंबर को होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की महत्वपूर्ण बैठक से पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को करारा झटका लगा है. यूरोपीय देश पुर्तगाल ने घोषणा की है कि वह फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. यह निर्णय इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. 

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Courtesy: X/ @netanyahu

Israel-Palestine conflict: न्यूयॉर्क में 22 सितंबर को होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की महत्वपूर्ण बैठक से पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को करारा झटका लगा है. यूरोपीय देश पुर्तगाल ने घोषणा की है कि वह फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. यह निर्णय इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो-राष्ट्र समाधान पर चर्चा

पुर्तगाल ने 21 सितंबर को आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने की घोषणा की. लिस्बन में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट और इजराइल की कठोर नीतियों के मद्देनजर यह कदम अनिवार्य हो गया था. पुर्तगाल ने जुलाई में ही संकेत दे दिए थे कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा. इस फैसले ने वैश्विक मंच पर फिलिस्तीन के पक्ष को और मजबूती दी है.

22 सितंबर से न्यूयॉर्क में शुरू होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो-राष्ट्र समाधान प्रमुख एजेंडा होगा. इस दौरान फ्रांस और सऊदी अरब एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें नॉर्वे और स्पेन जैसे देश भी शामिल होंगे. इस सम्मेलन का लक्ष्य फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को आर्थिक संकट से उबारना है. इजराइल ने पीए के लिए वसूले गए करोड़ों डॉलर की राशि को पिछले चार महीनों से रोके रखा है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है.

अन्य देश ने भी किया समर्थन

पुर्तगाल के इस कदम के बाद कई अन्य पश्चिमी और यूरोपीय देश भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की तैयारी में हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सलाहकार के अनुसार, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, लक्समबर्ग, माल्टा, एंडोरा और सैन मरीनो जैसे देश जल्द ही इस दिशा में कदम उठा सकते हैं. इसके अलावा, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस जैसे प्रमुख देश भी महासभा में फिलिस्तीन को समर्थन दे सकते हैं. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से लगभग 75% देश पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं.

इजराइल ने इन मान्यताओं का कड़ा विरोध किया है. तेल अवीव का दावा है कि यह कदम 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा शुरू किए गए हमले को पुरस्कृत करने जैसा है. इजराइल सरकार का कहना है कि फिलिस्तीन को मान्यता देना आतंकवाद को बढ़ावा देगा और शांति वार्ता को कमजोर करेगा. पुर्तगाल का यह निर्णय वैश्विक मंच पर फिलिस्तीन के लिए एक नई उम्मीद की किरण है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाली चर्चा और अन्य देशों का समर्थन इस मुद्दे को और गति दे सकता है.