Israel Iran War: ईरान की खुफिया एजेंसी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस रिपोर्ट ने इजराइल की कथित अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. ईरानी एजेंटों ने इजराइली F-16 पायलटों की गोपनीय जानकारी हासिल की है.
जिसमें उनके नाम, सैन्य इकाइयों का विवरण, घरों के पते, सैटेलाइट तस्वीरें और यहां तक कि उनके उपकरणों के उपयोग का रिकॉर्ड भी शामिल है. यह जानकारी, जो सामान्यतः इजराइल की कड़ी सुरक्षा द्वारा संरक्षित होती है, अब ईरान के कब्जे में है.
पायलटों को 'मौत और विनाश के नाविक' की संज्ञा
ईरानी मीडिया ने इन पायलटों को ‘मौत और विनाश के नाविक’ करार दिया है, यह दावा करते हुए कि उनकी पहचान और गतिविधियां अब ईरान के खुफिया नेटवर्क के पास हैं. यह खुलासा इजराइल के उन सैन्य अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है, जो ईरान के खिलाफ सैन्य अभियानों में शामिल रहे हैं. इस जानकारी के आधार पर, ईरान भविष्य में और सटीक जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम हो सकता है.
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— Iran English (@iranEnglish5) August 3, 2025
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Iranian intelligence operatives have uncovered the full profiles of the Israeli air force pilots, commanders, and drone operators, who partook in the Israeli regime’s unprovoked war on the Islamic Republic in June.+ pic.twitter.com/mKYzpUu9NF
इजराइल की बैट स्क्वाड्रन की उप कमांडर
रिपोर्ट में मेजर येल ऐश का विशेष उल्लेख है, जो अपने पति बार प्रिंस के साथ इजराइल की ‘बैट स्क्वाड्रन’ (स्क्वाड्रन 119) की उप कमांडर हैं. उनके एक पुराने साक्षात्कार में उन्होंने इजराइल की सुरक्षा बहाल करने का वादा किया था, लेकिन अब ईरानी रिपोर्ट दावा करती है कि उनकी स्वयं की सुरक्षा खतरे में है.
इजराइल की प्रतिक्रिया
ईरानी खुलासे के बाद, इजराइल सरकार ने अपने पायलटों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए. कई पायलटों को स्कूलों और नागरिक भवनों में स्थानांतरित किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस संवेदनशील जानकारी के उजागर होने से ईरान को रणनीतिक लाभ मिल सकता है, खासकर यदि इजराइल भविष्य में कोई आक्रामक कार्रवाई करता है.
12 दिनों की तबाही और युद्धविराम
ईरान ने इजराइली सैन्य और औद्योगिक स्थलों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ नागरिक क्षेत्र भी प्रभावित हुए. 24 जून को युद्धविराम लागू हुआ, लेकिन ईरानी नेताओं, जैसे राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और सशस्त्र बल प्रमुख मेजर जनरल अब्दोलरहीम मौसवी, ने इजराइल के वादों पर अविश्वास जताया और भविष्य में कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी.