अरब सागर में शक्ति प्रदर्शन कर रहा भारत-ग्रीस नौसैनिक, साथ दे रहा तुर्किए का सबसे बड़ा दुश्मन!

इस अभ्यास की तस्वीरें भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान ने सोशल मीडिया पर साझा कीं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सामरिक सहयोग का प्रतीक हैं. यह अभ्यास न केवल भारत की नौसैनिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि तुर्किए और पाकिस्तान के गठजोड़ को भी स्पष्ट संदेश देता है.

Date Updated
फॉलो करें:

Indian Navy: 10 जुलाई 2025 को मुंबई तट के निकट आयोजित इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के फ्रिगेट तरकश (एफ-50) और ग्रीस की नौसेना के फ्रिगेट पीएसएआरए ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास की तस्वीरें भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान ने सोशल मीडिया पर साझा कीं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सामरिक सहयोग का प्रतीक हैं. यह अभ्यास न केवल भारत की नौसैनिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि तुर्किए और पाकिस्तान के गठजोड़ को भी स्पष्ट संदेश देता है.

सामरिक संबंधों को नई ऊंचाई

इस संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत और ग्रीस के बीच सामरिक और नौसैनिक सहयोग को और मजबूत करना था. ग्रीक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अभ्यास ग्रीस की नौसेना की अंतरराष्ट्रीय जल में सतत उपस्थिति का हिस्सा है. हाल के वर्षों में इंडो-पैसिफिक, मध्य पूर्व और पूर्वी भूमध्य सागर में भूराजनीतिक बदलावों ने दोनों देशों के रिश्तों को और महत्वपूर्ण बना दिया है. 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा के बाद दोनों देशों ने सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को नई गति दी है.

अभ्यास का स्वरूप और महत्व

मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच इस तरह के अभ्यास समुद्री क्षेत्र में सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देते हैं. यह कदम तुर्किए और पाकिस्तान की समुद्री क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियों के जवाब में भारत की रणनीतिक तैयारी को दर्शाता है.

ग्रीस और तुर्किए के बीच एजियन द्वीप समूह को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. तुर्किए ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करते हुए हथियार और ड्रोन ऑपरेटर उपलब्ध कराए थे. ऐसे में भारत का ग्रीस के साथ यह अभ्यास दोनों देशों के लिए एक मजबूत संदेश है.