तेल अवीव में बच्चों के लिए प्रदर्शन, गाजा पर इजराइली हमलों का कहर

पिछले 21 महीनों से इजराइल के गाजा पर हमले जारी हैं, जिनमें 60,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद, इजराइल की बमबारी रुकने का नाम नहीं ले रही.

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Tragedy of war in Gaza: पिछले 21 महीनों से इजराइल के गाजा पर हमले जारी हैं, जिनमें 60,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद, इजराइल की बमबारी रुकने का नाम नहीं ले रही. शनिवार को गाजा में 110 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जिसमें राफा में भोजन की प्रतीक्षा कर रहे 34 लोग भी शामिल थे. इन हमलों ने न केवल गाजा, बल्कि इजराइल के भीतर भी असंतोष की लहर पैदा कर दी है.

तेल अवीव में युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन

शनिवार को तेल अवीव की सड़कों पर सैकड़ों लोग एकत्र हुए और गाजा में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी. प्रदर्शनकारियों ने मोमबत्तियां जलाईं और मृत बच्चों की तस्वीरें प्रदर्शित कर युद्धविराम की मांग की. यह पहली बार है जब इजराइल में गाजा के बच्चों के लिए इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन देखा गया. दूसरी ओर, एक अन्य समूह गाजा में बंधक बनाए गए इजराइली नागरिकों की रिहाई के लिए मार्च कर रहा है, जो महीनों से युद्धविराम की मांग कर रहा है.

शांति वार्ता विफल

इज़राइली संसद नेसेट के सदस्य ओफ़र कासिफ़ ने गाज़ा में हो रहे नरसंहार पर दुःख और शर्म व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पश्चिमी तट पर लगभग 20,000 बच्चों की हत्या और जातीय सफ़ाया इज़राइल के लिए शर्मनाक है. देश में फ़ासीवाद का प्रसार भी चिंताजनक है.

उनकी यह टिप्पणी इज़राइल के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाती है. कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में दोहा में चल रही शांति वार्ता बेनतीजा रही. हमास ने गाज़ा से इज़राइली सेना की वापसी की माँग की, लेकिन इज़राइल इसके लिए तैयार नहीं है. इस विफलता ने युद्धविराम की उम्मीदों को और धूमिल कर दिया है.