India-Russia military deal: भारत और रूस के बीच सैन्य सहयोग ने एक बार फिर वैश्विक सुर्खियां बटोरी हैं. हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात के बाद भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की अतिरिक्त यूनिट्स खरीदने की योजना की घोषणा की है.
यह खबर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के लिए चिंता का कारण बन गई है. इसके अलावा, भारत और यूनिट्स खरीदने के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है.
S-400: भारत की रक्षा का कवच
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को विश्व के सबसे उन्नत हथियारों में गिना जाता है. यह सिस्टम 600 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन की गतिविधियों का पता लगा सकता है और 400 किलोमीटर के दायरे में फाइटर जेट, ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और बॉम्बर विमानों को नष्ट करने की क्षमता रखता है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस सिस्टम ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया था. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसे 'गेम चेंजर' करार दिया था, क्योंकि यह एक साथ 100 से अधिक लक्ष्यों पर नजर रख सकता है.
पाकिस्तान की रणनीति पर भारी पड़ेगा भारत का कदम
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने पुतिन के साथ मुलाकात में व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई थी. रूसी न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार, रूस की संघीय सेवा के निदेशक दिमित्री शुगायेव ने पुष्टि की कि भारत S-400 की अतिरिक्त यूनिट्स और Su-57 फाइटर जेट्स खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. यह कदम भारत के सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट को और मजबूती देगा.
आसिम मुनीर की बढ़ी बेचैनी
शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर हाल ही में चीन दौरे पर भी गए थे, लेकिन भारत की बढ़ती सैन्य ताकत ने उनकी रणनीति पर पानी फेर दिया है. S-400 सिस्टम की ताकत से पाकिस्तान की हवाई रणनीति कमजोर पड़ सकती है. भारत का यह कदम न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगा.