भारत-जर्मनी विदेश मंत्रियों की मुलाकात, रणनीतिक साझेदारी और FTA पर केंद्रित चर्चा

भारत और जर्मनी के बीच रिश्ते नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल की मुलाकात ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का रास्ता खोला.

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India-Germany relations: भारत और जर्मनी के बीच रिश्ते नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल की मुलाकात ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का रास्ता खोला.

यह दौरा इसलिए भी खास रहा क्योंकि वेडफुल पहली बार भारत आए और उन्होंने बेंगलुरु में भारत की टेक्नोलॉजी और नवाचार क्षमताओं का प्रत्यक्ष अनुभव किया. उनके साथ एक मजबूत कारोबारी प्रतिनिधिमंडल और सांसद भी थे.

महत्वपूर्ण चर्चाओं का केंद्र

इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आगामी इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशंस की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया. भारत ने जर्मनी से यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता में तेजी लाने के लिए समर्थन की अपेक्षा जताई.

इसके अलावा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, यूक्रेन संकट और पश्चिम एशिया जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई. जयशंकर ने जोर देकर कहा, “हम यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने के लिए जर्मनी के सहयोग पर भरोसा करते हैं.”

भारत-जर्मनी संबंधों की मजबूती

भारत और जर्मनी के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी, 50 साल का वैज्ञानिक सहयोग, 60 साल पुराने सांस्कृतिक समझौते और एक सदी से अधिक समय से चले आ रहे व्यापारिक रिश्तों का गौरवपूर्ण इतिहास है. जयशंकर ने विश्वास जताया कि यह सहयोग भविष्य में और सशक्त होगा. 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 26 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जो जर्मनी को यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनाता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत-जर्मनी संबंधों को नई गति देगा. खास तौर पर FTA पर ठोस प्रगति की संभावना बढ़ी है. आगामी इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशंस इन रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेंगे.