भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर, 'ब्रांड इंडिया' होगा और मजबूत

यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखता है. भारत के 99% निर्यात यूके में शुल्क-मुक्त होंगे, जबकि यूके के 90% निर्यात पर भारत में शुल्क कम होंगे.

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India-UK FTA: भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 6 मई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. इस समझौते के साथ एक डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन (DCC) भी हुआ, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परस्पर लाभकारी और महत्वाकांक्षी करार दिया. यह समझौता वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल के बीच दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा.

व्यापार और निवेश को बढ़ावा

यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखता है. भारत के 99% निर्यात यूके में शुल्क-मुक्त होंगे, जबकि यूके के 90% निर्यात पर भारत में शुल्क कम होंगे. इससे भारतीय टेक्सटाइल, चमड़ा, रत्न-आभूषण और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा. यूके के व्हिस्की, मेडिकल डिवाइस और लक्जरी उत्पादों को भी भारतीय बाजार में सस्ता प्रवेश मिलेगा.

पेशेवरों के लिए अवसर

FTA में भारतीय पेशेवरों, जैसे आईटी विशेषज्ञों, योग प्रशिक्षकों और शेफ्स के लिए यूके में गतिशीलता बढ़ाने का प्रावधान है. डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन के तहत भारतीय कर्मचारियों को तीन साल तक यूके में सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी. पर्यावरण और नवाचारयह समझौता पर्यावरण संरक्षण, श्रम अधिकारों और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों पर जोर देता है. दोनों देश हरित ऊर्जा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेंगे.