चीन ने पाकिस्तान को सौंपी तीसरी हंगोर पनडुब्बी, हिंद महासागर में बढ़ी पाक नौसेना की ताकत!

चीन ने पाकिस्तान को हंगोर श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी सौंपकर उसकी नौसैनिक शक्ति को और मजबूत कर दिया है.यह कदम हिंद महासागर में पाकिस्तान की बढ़ती मौजूदगी को समर्थन देने और क्षेत्रीय सामरिक संतुलन को प्रभावित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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China-Pakistan military cooperation: चीन ने पाकिस्तान को हंगोर श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी सौंपकर उसकी नौसैनिक शक्ति को और मजबूत कर दिया है.यह कदम हिंद महासागर में पाकिस्तान की बढ़ती मौजूदगी को समर्थन देने और क्षेत्रीय सामरिक संतुलन को प्रभावित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

हंगोर पनडुब्बी की विशेषताएं

हंगोर श्रेणी की पनडुब्बियां अपनी अत्याधुनिक तकनीक के लिए जानी जाती हैं.चीनी सैन्य विशेषज्ञ झांग जुनशे के अनुसार, इन पनडुब्बियों में उन्नत सेंसर प्रणाली, बेहतर स्टील्थ (गुप्त) क्षमताएं, उच्च गतिशीलता, और लंबे समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता शामिल है.इनकी भीषण मारक क्षमता क्षेत्रीय समुद्री युद्ध में गेम-चेंजर साबित हो सकती है.ये विशेषताएं पाकिस्तान की नौसेना को हिंद महासागर में भारत जैसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वियों के सामने मजबूत स्थिति प्रदान करती हैं.

पाकिस्तान-चीन सैन्य सहयोग

पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य सहयोग लगातार गहरा रहा है.स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (सिपरी) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को उसके 81% से अधिक सैन्य हार्डवेयर चीन से प्राप्त होते हैं.हंगोर पनडुब्बियों के अलावा, चीन ने पाकिस्तान को चार आधुनिक नौसैनिक युद्धपोत और जे-10सीई मल्टीपर्पज लड़ाकू विमान भी प्रदान किए हैं.इसके अतिरिक्त, दोनों देशों ने संयुक्त रूप से जेएफ-17 लड़ाकू विमान विकसित किए हैं, जिनका उपयोग पाकिस्तान ने भारत के साथ हाल के संघर्षों में किया था.

पाकिस्तान की नौसेना का बयान

पाकिस्तान के रक्षा विभाग ने इस उपलब्धि को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया.जलावतरण समारोह में उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल अब्दुल समद ने कहा, “हंगोर श्रेणी की पनडुब्बियां अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस हैं, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बनाए रखने और समुद्री स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”

हिंद महासागर में सामरिक प्रभाव

चीन का यह कदम न केवल पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत को बढ़ाता है, बल्कि हिंद महासागर में उसकी रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करता है.ग्वादर बंदरगाह के विकास के साथ, चीन और पाकिस्तान मिलकर अरब सागर और हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहे हैं.यह भारत के लिए सामरिक चुनौतियां प्रस्तुत कर सकता है, क्योंकि हिंद महासागर में शक्ति संतुलन बदलने की संभावना बढ़ रही है.

हंगोर श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी का हस्तांतरण चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ का एक और प्रमाण है.यह कदम न केवल पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्रीय भू-राजनीति में नए समीकरण स्थापित करने की दिशा में भी एक कदम है.भारत को इस बढ़ती चुनौती का सामना करने के लिए अपनी नौसैनिक रणनीति को और सुदृढ़ करना होगा.