Golden Dome: इस समय डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में अपने दूसरे कार्यकाल की कमान संभालने की कोशिश में जुटे हैं. अपने दूसरे कार्यकाल की कमान संभालने के कुछ ही महीनों बाद ट्रंप ने घोषणा की थी कि वह इज़राइल के आयरन डोम जैसा अमेरिका का अपना रक्षा तंत्र बनाने जा रहे हैं.
उस समय उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने इसके लिए एक डिज़ाइन भी चुन लिया है. अब इस बारे में कुछ जानकारी सामने आई है, जो बताती है कि यह गोल्डन डोम कैसा दिखने वाला है.
गोल्डन डोम में चार-स्तरीय रक्षा ढाल!
रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली चार स्तरों पर आधारित होगी. इसमें एक अंतरिक्ष-आधारित सेंसर और ट्रैकिंग सिस्टम होगा, जबकि तीन स्तर जमीन पर तैनात होंगे. इस प्रणाली में 11 छोटी दूरी की मिसाइल बैटरियां शामिल होंगी, जो अमेरिका के विभिन्न हिस्सों, जैसे अलास्का और हवाई में स्थापित की जाएंगी.
यह जानकारी अमेरिकी सरकार की एक प्रस्तुति से सामने आई है, जिसे अलबामा में 3,000 रक्षा ठेकेदारों के सामने प्रदर्शित किया गया. इस प्रस्तुति का नाम था "गो फास्ट, थिंक बिग!", जो इस परियोजना की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है.
2028 तक पूरा करने का लक्ष्य
गोल्डन डोम को 2028 तक पूर्ण रूप से कार्यरत करने की योजना है, जिसकी समयसीमा स्वयं राष्ट्रपति ट्रंप ने निर्धारित की है. इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 175 अरब डॉलर है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें कितने लॉन्चर, इंटरसेप्टर, ग्राउंड स्टेशन और मिसाइल साइट्स शामिल होंगे.
कांग्रेस ने जुलाई में ट्रंप के बिल के तहत इस परियोजना के लिए 25 अरब डॉलर आवंटित किए हैं, और 2026 के बजट में इसके लिए 45.3 अरब डॉलर और निर्धारित किए गए हैं.
गोल्डन डोम की अनूठी विशेषताएं
गोल्डन डोम का विचार इजराइल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन यह उससे कहीं अधिक उन्नत और व्यापक होगा. अमेरिका का भौगोलिक क्षेत्र विशाल होने और विभिन्न प्रकार के खतरों का सामना करने की संभावना को देखते हुए, यह प्रणाली अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगी.
विश्व की सर्वश्रेष्ठ रक्षा प्रणाली
इजराइल का आयरन डोम वर्तमान में दुनिया की सबसे प्रभावी मिसाइल रक्षा प्रणाली माना जाता है. यह प्रणाली 4 से 70 किलोमीटर की दूरी से आने वाले रॉकेट और मोर्टार को हवा में ही नष्ट कर देती है. इसकी सफलता दर 90% से अधिक है, जो इसे इजराइल की रक्षा रणनीति का आधार बनाती है.
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार, एक आयरन डोम इंटरसेप्टर मिसाइल की लागत 40,000 से 50,000 डॉलर के बीच है. गोल्डन डोम इस प्रणाली से प्रेरणा लेते हुए इसे और उन्नत बनाने का प्रयास करेगा.
गोल्डन डोम न केवल अमेरिका की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा. यह प्रणाली न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि भविष्य के युद्धों और खतरों से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.