Muslim countries can attack Israel together: गाजा, लेबनान और अब सीरिया पर इज़राइल के लगातार हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर पहुँचा दिया है. इन हमलों से नाराज़ तुर्की ने अब ईरान के साथ मिलकर इज़राइल को कड़ा जवाब देने का फ़ैसला किया है. सोमवार को तुर्की के विदेश मंत्री हकान फ़िदान और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची के बीच टेलीफ़ोन पर बातचीत हुई. इस चर्चा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि तुर्की इस साल इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) का अध्यक्ष है और वह इस मंच पर अपनी प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है.
गाजा और सीरिया में इजराइल की बर्बरता
ईरानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब्बास अराघची ने गाजा में इजराइल के अमानवीय कृत्यों की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि इजराइल जानबूझकर फिलिस्तीनी नागरिकों को भोजन और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर रहा है.
दूसरी ओर तुर्की के विदेश मंत्री ने गाजा और सीरिया में इजराइल की सैन्य आक्रामकता को अपराध करार देते हुए इस्लामिक देशों से तत्काल और समन्वित कार्रवाई की मांग की. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि इजराइल के खिलाफ सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है.
इजराइल के लिए बढ़ती चुनौती
ईरानी विदेश मंत्री ने OIC की आपात बैठक बुलाने और क्षेत्रीय परामर्श तंत्र को सक्रिय करने की अपील की ताकि गाजा में नरसंहार और इजराइल की आक्रामकता को रोका जा सके. तुर्की ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताया और कहा कि इस्लामिक देशों को एकजुट होकर इजराइल के खिलाफ कठोर रुख अपनाना होगा.
तुर्की और ईरान की इस साझा रणनीति से इजराइल पर दबाव बढ़ सकता है. दोनों देशों का मानना है कि अगर मुस्लिम देश एकजुट हो जाएं, तो इजराइल को अमेरिका का समर्थन भी नहीं बचा पाएगा. यह गठजोड़ क्षेत्रीय समीकरणों को बदल सकता है.