France Palestine Recognition: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को घोषणा की कि फ्रांस फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. यह ऐलान सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान औपचारिक रूप से किया जाएगा. मैक्रों ने इसे मध्य पूर्व में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया. हालांकि, इजराइल ने इस फैसले को अपने खिलाफ कूटनीतिक हमला करार दिया है. यह कदम क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है.
सीरिया की संप्रभुता के लिए फ्रांस का समर्थन
फिलिस्तीन के फैसले के 24 घंटे के भीतर ही फ्रांस ने एक और बड़ा कदम उठाया. अल अरेबिया के अनुसार, फ्रांस, अमेरिका और सीरिया ने संयुक्त बयान जारी कर सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा का संकल्प लिया. तीनों देशों ने स्पष्ट किया कि सीरिया को न तो पड़ोसियों के लिए खतरा बनने दिया जाएगा और न ही पड़ोसी देशों को सीरिया के खिलाफ आक्रामकता की अनुमति दी जाएगी. यह बयान इजराइल के लिए सियासी झटके के रूप में देखा जा रहा है.
तनाव का नया दौर
हाल ही में इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमला किया, जिसमें रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया. यह हमला इजराइल की ‘डेविड कॉरिडोर’ रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह सीरिया के दक्षिणी हिस्सों में प्रभाव बढ़ाना चाहता है. इसके अलावा, स्वेइदा में ड्रूज समुदाय और सीरियाई सुरक्षा बलों के बीच झड़पों के बाद इजराइल ने सीरियाई सेना को कड़ी चेतावनी दी थी.
‘ग्रेटर इजराइल’ की अटकलें
इजराइल की सैन्य कार्रवाइयाँ और बयानबाजी ‘ग्रेटर इजराइल’ की थ्योरी को बल दे रही हैं. हालांकि, इजराइल ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.कीवर्ड्स: फ्रांस, इजराइल, सीरिया, फिलिस्तीन, मैक्रों, संप्रभुता, दमिश्क हमला, ग्रेटर इजराइल, ड्रूज समुदाय, मध्य पूर्व शांति