France mosque pigs head: फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को एक बेहद निंदनीय घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. नौ मस्जिदों के बाहर सूअरों के कटे सिर फेंके पाए गए, जिनमें से पांच पर नीली स्याही से फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम लिखा हुआ था.
इस घटना ने मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश और भय पैदा कर दिया है, खासकर जब देश पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा हो. अधिकारियों का मानना है कि यह नफरत फैलाने और सामाजिक विभाजन की साजिश का हिस्सा है.
पेरिस में फैला दहशत का माहौल
पेरिस अभियोजन कार्यालय के अनुसार, चार सिर शहर के अंदर की मस्जिदों के बाहर मिले, जबकि पांच उपनगरीय क्षेत्रों में. एक सिर तो सूटकेस में भी पाया गया, जो घटना की गंभीरता को दर्शाता है. इस्लाम धर्म में सूअर को अपवित्र माना जाता है, इसलिए ऐसी हरकतें मुस्लिमों के धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास हैं.
पेरिस की सबसे बड़ी मस्जिद ने बयान जारी कर कहा कि यह स्पष्ट रूप से मुस्लिम-विरोधी माहौल बनाने की कोशिश है, जो देश की एकता को कमजोर करने का उद्देश्य रखती है. मस्जिद प्रबंधन ने जोर देकर कहा कि बावजूद इन साजिशों के, फ्रांस के 60 लाख मुस्लिम नागरिक राष्ट्र की एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.
सरकार की प्रतिक्रिया
फ्रांस सरकार ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पेरिस पुलिस की विशेष यूनिट मामले की गहन जांच कर रही है. गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने इशारा किया कि देश के मौजूदा वित्तीय-राजनीतिक संकट के बीच विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है.
रिटेलेउ ने पिछली घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रात के अंधेरे में होने वाली ऐसी साजिशों में बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. राष्ट्रपति मैक्रों ने मुस्लिम नेताओं से मुलाकात कर समर्थन जताया और नफरत के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही. अधिकारियों ने पूरे देश में मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं.
आंकड़े चिंताजनक
यूरोप में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले फ्रांस में लंबे समय से इस्लाम विरोधी घटनाएं होती रही हैं. फ्रांसीसी मानवाधिकार आयोग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, नस्लवाद तेज़ी से बढ़ रहा है. मार्च 2025 में 79 मुस्लिम विरोधी घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी महीने की तुलना में 72 प्रतिशत ज़्यादा हैं. जनवरी से जून 2025 तक कुल 181 ऐसी घटनाएं हुईं, जो 2024 की तुलना में 81 प्रतिशत ज़्यादा हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता इस तनाव को और बढ़ा रही है. यह घटना न सिर्फ़ धार्मिक असहिष्णुता को उजागर करती है, बल्कि फ्रांस की बहुलवादी छवि पर भी सवाल उठाती है. पेरिस के मेयर ने इसे 'शर्मनाक' बताया है और दोषियों को सज़ा देने का वादा किया है. इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा हो रही है, जो फ्रांस में सामाजिक सद्भाव की चुनौतियों को रेखांकित करता है. जांच के नतीजे जल्द आने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल मुस्लिम समुदाय सावधानी बरत रहा है.