Donald Trump tariffs on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में वैश्विक व्यापार में बड़ा कदम उठाते हुए भारत पर 1 अगस्त 2025 से 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा की है. इसके साथ ही, उन्होंने भारत को रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाने की चेतावनी दी है.
ट्रंप का यह फैसला रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. भारत और रूस के बीच दशकों पुराने व्यापारिक और रक्षा संबंधों को निशाना बनाकर अमेरिका अपनी भू-राजनीतिक रणनीति को मजबूत करना चाहता है.
लिंडसे ग्राहम का बयान और अमेरिकी रणनीति
रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम, जिन्हें 'वॉर सेल्समैन' के रूप में जाना जाता है, ने ट्रंप के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और अमेरिकी उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
ग्राहम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रंप का यह कदम रूस की युद्ध मशीन को कमजोर करने के लिए उन देशों पर टैरिफ लगाने की रणनीति है, जो रूस से तेल और गैस खरीदते हैं. उन्होंने रूस को चेतावनी दी कि वह जल्द ही इन देशों से संपर्क करे, क्योंकि ट्रंप का रवैया बदलाव लाने वाला है.
Russia, you are right when it comes to sanctions. You have been able to avoid them and you have learned to live with them.
— Lindsey Graham (@LindseyGrahamSC) July 30, 2025
Apparently, what you don’t understand is that President Trump is changing the game and he is going to put tariffs on countries who buy your oil and gas,…
रूस की प्रतिक्रिया
रूस ने अमेरिका की इस धमकी को 'रूटीन' बताते हुए कहा कि प्रतिबंधों से उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव और रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने दावा किया कि ये प्रतिबंध पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को ही नुकसान पहुंचाएंगे.
भारत पर क्या होगा असर?
भारत, जो रूस से सस्ता तेल आयात करता है, इस टैरिफ और पेनल्टी से प्रभावित हो सकता है. इससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर भारतीय उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. भारत सरकार ने ट्रंप के बयान पर संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी.