'भारत ने रूसी तेल खरीद में की पूरी कटौती', भारत ने किया खंडन- कहा, 'हम अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर करेंगे फैसला'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस से तेल खरीद को लेकर भारत को चर्चा के केंद्र में ला दिया है. शनिवार को उन्होंने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल आयात में पूरी तरह कटौती कर दी है. ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा संकेत है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस से तेल खरीद को लेकर भारत को चर्चा के केंद्र में ला दिया है. शनिवार को उन्होंने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल आयात में पूरी तरह कटौती कर दी है. ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा संकेत है.

हालांकि, भारत ने तुरंत इस दावे को खारिज करते हुए साफ कहा कि ऊर्जा नीति केवल राष्ट्रीय हितों के आधार पर तय की जाती है, न कि किसी बाहरी दबाव में. ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में रूस की दो बड़ी ऊर्जा कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.

इन प्रतिबंधों के तहत अमेरिका में इन कंपनियों की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है और अमेरिकी नागरिकों को इनके साथ किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन से रोक दिया गया है. साथ ही, अमेरिका ने अपने साझेदार देशों से भी इनसे दूरी बनाए रखने की अपील की है. ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये कदम रूस की “युद्ध मशीन” को कमजोर करने के लिए उठाए गए हैं, क्योंकि रोसनेफ्ट और लुकोइल रूस के कुल तेल निर्यात का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा नियंत्रित करती हैं.

ऊर्जा सुरक्षा हमारी प्राथमिकता

ट्रंप के दावे के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा, क्योंकि यह देश की ऊर्जा सुरक्षा और सस्ती आपूर्ति का अहम हिस्सा है. सूत्रों ने कहा कि जब तक संयुक्त राष्ट्र (UN) के स्तर पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगता, भारत अपनी नीति पर कायम रहेगा.

ऊर्जा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत का लक्ष्य है. स्थिर और किफायती ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना. उन्होंने कहा, “हम अपने आर्थिक हितों से समझौता नहीं करेंगे. तेल खरीद का फैसला किसी बाहरी दबाव से नहीं बल्कि देश की जरूरतों के अनुसार लिया जाएगा.”

यह उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने पहले भी दावा किया था कि भारत धीरे-धीरे रूस से तेल खरीद बंद करेगा. लेकिन भारत के आयात आंकड़े बताते हैं कि रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो सऊदी अरब और इराक से भी आगे है.

चीन को लेकर ट्रंप की नई रणनीति

ट्रंप ने अपनी घोषणा के दौरान यह भी बताया कि वह दक्षिण कोरिया में होने वाली बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच “पूर्ण व्यापार समझौते” की दिशा में बातचीत होगी. साथ ही, फेंटेनाइल (एक घातक ड्रग) और कृषि व्यापार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.

ट्रंप ने कहा कि “फेंटेनाइल अमेरिका में हजारों लोगों की जान ले रहा है, और यह चीन से आता है. इसे रोकना हमारी प्राथमिकता है.” यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी प्रतिबंध, व्यापार असंतुलन और आपूर्ति श्रृंखला को लेकर तनाव चरम पर है.