चीन की दोहरी चाल, पैंगोंग झील पर सैन्य अड्डा, ब्रह्मपुत्र पर मेगा डैम

सैटेलाइट तस्वीरों और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSNIT) के अनुसार, चीन पैंगोंग झील के पूर्वी किनारे पर एक विशाल सैन्य परिसर बना रहा है. यह परिसर लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें बख्तरबंद वाहनों और मिसाइल ट्रकों के लिए गहरे गैरेज शामिल हैं.

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China India Strategy: चीन एक तरफ भारत के साथ संबंध सुधारने की बात करता है, लेकिन दूसरी ओर वह युद्ध की तैयारियों में तेजी से जुटा है. ताजा घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि ड्रैगन भारत को सैन्य और जल नियंत्रण के दो मोर्चों पर घेरने की रणनीति बना रहा है. लद्दाख की पैंगोंग झील के पास सैन्य ढांचा और ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा डैम इसका प्रमाण है. 

भारत की सुरक्षा को खतरा

सैटेलाइट तस्वीरों और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSNIT) के अनुसार, चीन पैंगोंग झील के पूर्वी किनारे पर एक विशाल सैन्य परिसर बना रहा है. यह परिसर लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें बख्तरबंद वाहनों और मिसाइल ट्रकों के लिए गहरे गैरेज शामिल हैं.

साथ ही एक हाईवे जैसी संरचना बनाई गई है, जो रडार या मिसाइल लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह ढांचा सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) सिस्टम के लिए तैयार किया जा रहा है, जो भारत की वायुसेना की रणनीतिक स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है. यह निर्माण भारत के लिए सामरिक खतरे का संकेत है.

जल को हथियार बनाने की रणनीति

चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी (यारलुंग झांगबो) पर 167 अरब डॉलर की लागत से दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर डैम शुरू किया है. यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब मेडोग में बन रही है. चीन इसे ऊर्जा परियोजना बता रहा है, लेकिन विशेषज्ञ इसे भारत के खिलाफ रणनीतिक चाल मानते हैं. यह डैम जल प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है, जिससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ या सूखे का खतरा बढ़ सकता है.

भारत के लिए दोहरा संकट

चीन की यह दोहरी रणनीति भारत की भू-राजनीतिक स्थिति के लिए गंभीर चुनौती है. पैंगोंग पर सैन्य अड्डा और ब्रह्मपुत्र पर डैम भारत की सुरक्षा और जल संसाधनों को खतरे में डाल रहे हैं. भारत को कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर ठोस जवाब देना होगा.