चीन-भारत की बढ़ती नजदीकियां, ट्रंप के टैरिफ खतरे के बीच नया कूटनीतिक मोड़

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है. इस बीच, भारत अपनी विदेश नीति में नए रंग भर रहा है. अगले सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे.

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China-India friendship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है. इस बीच, भारत अपनी विदेश नीति में नए रंग भर रहा है. अगले सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे.

यह दौरा वैश्विक मंच पर बदलते समीकरणों का संकेत देता है. दूसरी ओर, विदेश मंत्री एस जयशंकर 21 अगस्त को रूस की यात्रा पर जाएंगे, जो भारत की रणनीतिक साझेदारियों को और मजबूत करने की दिशा में कदम है.

अमेरिका की चिंता

ट्रंप ने भारत से रूस के साथ तेल आयात बंद करने की मांग की थी, लेकिन भारत के कड़े रुख के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को करीब लाने की कोशिश की. ऐसे में भारत और चीन का एकजुट होना अमेरिका के लिए चिंता का विषय बन गया है. भारत, रूस और चीन के साथ अपने रिश्तों को गहरा करने में जुटा है. विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में होने वाली यह मुलाकात कोई बड़ा कूटनीतिक फैसला ला सकती है.

SCO सम्मेलन और पीएम मोदी की चीन यात्रा

2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव था. अब, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन, चीन जाएंगे. इस दौरान रूस की मौजूदगी भी अहम होगी. भारत का विशाल बाजार और चीन के साथ सामान्य होते रिश्ते अमेरिका को असहज कर रहे हैं.

मजबूत होती त्रिकोणीय साझेदारी

पिछले सप्ताह डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर क्षेत्रीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा की. यह बदलाव वैश्विक शक्ति संतुलन में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है.