Babbar Khalsa Terrorist Arrested : मुख्यमंत्री भगवंत मान की "सभी को न्याय" देने की नीति के तहत पंजाब पुलिस ने आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े खतरनाक आतंकी और अपराधी परमिंदर सिंह उर्फ पिंदी को अबू धाबी से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. इस ऑपरेशन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), इंटरपोल और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से अंजाम दिया गया.
खतरनाक नेटवर्क का हिस्सा था पिंदी
पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने जानकारी दी कि पिंदी, बटाला के हर्षा गांव का निवासी है और वह केवल एक अपराधी नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी-सिंडिकेट का मुख्य संचालक रहा है. वह भारत में कई हिंसक घटनाओं में संलिप्त रहा है, जिनमें पेट्रोल बम हमले, जबरन वसूली और अन्य आतंकी गतिविधियाँ शामिल हैं. उसकी सीधी सांठगांठ पाकिस्तान में छिपे कुख्यात आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और हैपी पासियां से थी.
सोशल मीडिया बना आतंक का औजार
पिंदी अपराधों के लिए आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करता था. वह डिजिटल माध्यमों से पैसा ट्रांसफर करने, संदेश भेजने और साजिश रचने का काम करता था. यह दिखाता है कि किस प्रकार आतंकी नेटवर्क आज के तकनीकी युग में भी कानून से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब वे भी सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी से बाहर नहीं हैं.
रेड कॉर्नर नोटिस के तहत शुरू हुई कार्रवाई
बटाला पुलिस द्वारा CBI के माध्यम से इंटरपोल को जारी किए गए रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) के बाद ही पिंदी की अबू धाबी में पहचान संभव हो सकी. इसके बाद 24 सितंबर 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में एक विशेष टीम यूएई भेजी गई. वहां, विदेश मंत्रालय और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर, पिंदी को भारत लाया गया.
आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति
DGP गौरव यादव ने कहा कि यह प्रत्यर्पण पंजाब पुलिस की आतंकवाद के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" नीति का प्रमाण है. उन्होंने इस सफलता के लिए केंद्रीय एजेंसियों, CBI, विदेश मंत्रालय और UAE सरकार का विशेष आभार जताया. वहीं, बटाला के एसएसपी सुहेल कासिम मीर ने इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका करार दिया.
सीबीआई और इंटरपोल का महत्वपूर्ण सहयोग
इस पूरे ऑपरेशन में सीबीआई ने इंटरपोल के भारत स्थित राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में अहम भूमिका निभाई. इंटरपोल के जरिए "इंडियापोल" के माध्यम से जारी रेड कॉर्नर नोटिस और आपसी तालमेल ने इस पूरी प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और कानूनी रूप से संभव बनाया.
कानून के हाथ बहुत लंबे हैं
इस कार्रवाई ने साफ संदेश दिया है कि चाहे आतंकी दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न छिपे हों, भारत की सुरक्षा एजेंसियां उन्हें ढूंढ़ निकालेंगी और कानून के कठघरे में खड़ा करेंगी. यह ऑपरेशन आने वाले समय में पंजाब व देश में आतंकवाद के खिलाफ और कड़े कदम उठाने का संकेत भी देता है.