Saudi Arabia: सऊदी अरब में एक छोटी सी गोली, कैप्टागन, सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे को कमजोर कर रही है. इस नशीली दवा की तस्करी ने इतना विकराल रूप ले लिया है कि 2025 में अब तक 144 लोगों को इसके लिए फांसी दी जा चुकी है.
कुल 217 फांसियों में से दो-तिहाई मामले ड्रग्स से जुड़े हैं, जिनमें कैप्टागन प्रमुख है. यह नशा, जिसे 'गरीबों का कोकीन' कहा जाता है, सऊदी के अमीर युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
कैप्टागन क्या है?
कैप्टागन एक एम्फेटामीन आधारित नशीला पदार्थ है, जो मध्यपूर्व, खासकर सऊदी अरब में, उच्च वर्ग के बीच मशहूर है. इसकी तस्करी में ज्यादातर विदेशी प्रवासी, जैसे पाकिस्तान, मिस्र, सीरिया और इथियोपिया के गरीब नागरिक, शामिल हैं. जून 2025 में ही 37 लोगों को ड्रग्स तस्करी के लिए मौत की सजा दी गई, जिनमें 34 विदेशी थे. यह दवा सऊदी समाज को खोखला करने की क्षमता रखती है, जिसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं.
सीरिया से तस्करी का स्रोत
पहले कैप्टागन का मुख्य स्रोत सीरिया था, जहां 2023 तक वैश्विक स्तर पर 80% कैप्टागन का उत्पादन होता था. सीरिया की कमजोर अर्थव्यवस्था में यह ड्रग व्यापार मुख्य आय का साधन बन चुका था. बशर अल असद की सरकार के पतन के बाद, नई अंतरिम सरकार ने जून 2025 में सभी कैप्टागन फैक्ट्रियों को बंद करने का दावा किया, लेकिन सऊदी में इसकी तस्करी अभी भी जारी है.
क्राउन प्रिंस का कड़ा रुख
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कैप्टागन को समाज के लिए गंभीर खतरा मानते हैं. उनकी नीति के तहत ड्रग तस्करों को बिना किसी रियायत के फांसी दी जा रही है. मानवाधिकार संगठनों की आलोचना के बावजूद, सऊदी सरकार इस अभियान को 'वॉर ऑन ड्रग्स' के तहत और तेज कर रही है.
कैप्टागन की तस्करी रोकने के लिए सऊदी का कड़ा रुख प्रभावी हो सकता है, लेकिन मानवाधिकार संगठन इसे अमानवीय बता रहे हैं. सवाल यह है कि क्या सजा से ज्यादा जागरूकता और पुनर्वास की जरूरत है?