दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर बड़ी चाल, जानिए कौन हैं वो शख्स जिसे चीन ने चुना है?

तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में है और इस बार वजह उनके उत्तराधिकारी का नाम है. जिसको लेकर चीन का हस्तक्षेप एक बार फिर सामने आया है. 14वें दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले स्पष्ट किया कि उनकी परंपरा उनके बाद भी जारी रहेगी.

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Dalai Lama Succession: तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में है और इस बार वजह उनके उत्तराधिकारी का नाम है. जिसको लेकर चीन का हस्तक्षेप एक बार फिर सामने आया है. 14वें दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले स्पष्ट किया कि उनकी परंपरा उनके बाद भी जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल भारत स्थित गदेन फोडरंग ट्रस्ट करेगा न कि चीन. इसके जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि दलाई लामा के पुनर्जन्म को उनकी सरकार की मंजूरी और स्वर्ण कलश प्रणाली से ही मान्यता मिलेगी.

30 साल पहले की साजिश

1995 में, दलाई लामा ने गेधुन चोएक्यी न्यीमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में चुना था, लेकिन चीन ने इस 6 वर्षीय बालक को हिरासत में ले लिया, जो आज तक लापता है. इसके बजाय, चीन ने ग्यालत्सेन नोरबू को पंचेन लामा घोषित किया, जिसे तिब्बती समुदाय कठपुतली लामा मानता है.

नोरबू चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार हैं और तिब्बती बौद्ध धर्म को "चीनीकरण" करने का समर्थन करते हैं. हाल ही में, उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर राष्ट्रीय एकता और धार्मिक चीनीकरण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.

तिब्बती बौद्ध धर्म पर चीन का नियंत्रण

चीन की रणनीति तिब्बती बौद्ध धर्म को अपने अधीन करने की है. 1959 में तिब्बती विद्रोह के बाद दलाई लामा को भारत में शरण लेनी पड़ी थी. बीजिंग दलाई लामा को अलगाववादी मानता है और उनके उत्तराधिकारी के चयन पर नियंत्रण चाहता है. दलाई लामा ने स्पष्ट किया है कि उनका अगला अवतार "स्वतंत्र दुनिया" में, संभवतः भारत में, जन्म लेगा.