बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 11 महीनों में पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य और सरकारी अधिकारियों ने बांग्लादेश के कई दौरे किए हैं. अब एक बार फिर इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद चौधरी 8 नवंबर को ढाका पहुंचने वाले हैं. यह पिछले एक साल में पाकिस्तान के किसी वरिष्ठ अधिकारी का सातवां दौरा होगा.
चार दिन के दौरे पर रहेंगे पाक नेवी चीफ
सूत्रों के अनुसार, एडमिरल नवीद चौधरी बांग्लादेश में चार दिन तक रहेंगे. इस दौरान वे अपने बांग्लादेशी समकक्षों से मुलाकात करेंगे और नौसेना सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान आर्मी के वरिष्ठ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल शमशाद मिर्जा ढाका का दौरा कर चुके हैं. नवीद का दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य संपर्कों को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है.
शेख हसीना के जाने के बाद पाकिस्तान की बढ़ी सक्रियता
अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी थी. इसी के बाद पाकिस्तान ने बांग्लादेश में अपनी मौजूदगी को तेजी से मजबूत करना शुरू किया. बीते 11 महीनों में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार, रक्षा राज्य मंत्री कमाल खान, विदेश सचिव अमना बलूच और जॉइंट आर्मी चीफ शमशाद मिर्जा जैसे वरिष्ठ अधिकारी ढाका का दौरा कर चुके हैं.
वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कई सलाहकार भी पाकिस्तान की यात्रा पर गए हैं. हाल ही में धार्मिक और खाद्य मामलों के सलाहकार ने इस्लामाबाद जाकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और उन्हें ढाका आने का निमंत्रण भी दिया.
सैन्य और व्यापारिक समझौते की कवायद
1971 में अलगाव के बाद से पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते सामान्य नहीं रहे हैं. लेकिन अब पाकिस्तान दोनों देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी सेना बांग्लादेशी सैनिकों को प्रशिक्षण देने, उपकरण आपूर्ति और कोर्स-स्तरीय संपर्कों को बढ़ाने पर जोर दे रही है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भी बांग्लादेश की इंटेलिजेंस संरचना में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, हालांकि अब तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है.
सिर्फ रक्षा ही नहीं, पाकिस्तान का झुकाव आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी है. उसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 865 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंचाने का है.
भारत पर नजर?
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की यह कूटनीतिक और सैन्य सक्रियता भारत के लिए भी चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि बांग्लादेश भारत का करीबी पड़ोसी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सहयोगी है. ऐसे में पाकिस्तानी अधिकारियों के बार-बार के ढाका दौरे दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति को नए मोड़ पर ले जा सकते हैं.