Bangladesh Islamic Bank: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ें के बाद मोहम्मद यूनुस का नया बांग्लादेश उभरने का नाम नहीं ले रहा है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है. हाल ही में, छह इस्लामिक बैंकों में भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसने देश के बैंकिंग क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है.
अंतरराष्ट्रीय ऑडिट फर्म KPMG और अर्न्स्ट एंड यंग की जांच में सामने आया कि ये बैंक गंभीर कुप्रबंधन का शिकार हैं, और उनके नॉन-परफॉर्मिंग लोन (NPA) पहले की तुलना में चार गुना बढ़ गए हैं.
छह बैंकों में गहरी वित्तीय अनियमितताएं
एशियाई डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से शुरू की गई इस जांच में फर्स्ट सिक्योरिटी इस्लामी बैंक, सोशल इस्लामी बैंक, यूनियन बैंक, ग्लोबल इस्लामी बैंक, आईसीबी इस्लामिक बैंक और एक्जिम बैंक शामिल थे. ऑडिट में पाया गया कि ये बैंक वर्षों से नियामकों को गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रहे थे. बांग्लादेश बैंक की रिपोर्ट में इन बैंकों का NPA 35,044 करोड़ टका बताया गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ऑडिटर्स ने इसे 147,595 करोड़ टका आंका.
तीन बैंकों में सबसे अधिक धांधली
फोरेंसिक ऑडिट ने तीन बैंकों में विशेष रूप से गंभीर अनियमितताएं उजागर कीं. फर्स्ट सिक्योरिटी इस्लामी बैंक का NPA अनुपात 21.48% से बढ़कर 96.37%, यूनियन बैंक का 44% से 97.80%, और ग्लोबल इस्लामी बैंक का 27% से 95% हो गया. इसके अलावा, इन बैंकों में पूंजी की भारी कमी भी सामने आई, जिसमें संयुक्त प्रावधान घाटा 115,672 करोड़ टका तक पहुंच गया.
एक आवश्यक कदम
बैंकिंग विशेषज्ञ मोहम्मद अरफान अली ने कहा कि एसेट क्वालिटी रिव्यू (AQR) इस्लामी बैंकों की वास्तविक स्थिति को सामने लाने के लिए महत्वपूर्ण था. यह तय करने में मदद करेगा कि क्या ये बैंक स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं या सरकार को हस्तक्षेप करना होगा.