Dhaka News: इस समय बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए माहौल सही नहीं है. इस समय पूरे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. इस बार फिर बांग्लादेश के कानून मंत्रालय द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया है. बांग्लादेश के विधि मंत्रालय द्वारा भारत में 50 न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अधिसूचना जारी करने के एक दिन बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने रविवार को कार्यक्रम रद्द कर दिया.
रद्द की गई अधिसूचना में क्या है?
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार का पतन हो गया, जिसके बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्ता और भी खराब हो गया. साथ ही दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया. इस रद्द की गई अधिसूचना के मुताबिक, भारत सरकार को 10-20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी में न्यायाधीशों के प्रशिक्षण के लिए सभी खर्च वहन करने थे.
अल्पसंख्यकों पर हो रहा अत्याचार
5 जनवरी (रविवार) को सुप्रीम कोर्ट ने भारत में न्यायाधीशों के प्रशिक्षण पर निर्देश फिर से जारी किए. इसके कारण भोपाल में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उन्हें पहले दी गई मंजूरी रद्द कर दी गई, कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अपनी नवीनतम अधिसूचना में कहा कि सहायक न्यायाधीश, वरिष्ठ सहायक न्यायाधीश, संयुक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा समकक्ष रैंक के अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नामित किया गया है. अगस्त में सरकार गिरने के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं. यही कारण है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चिंता जताई है.