Myanmar Earthquake: म्यांमार में आएं भूकंप ने पूरे देश और अपने आस-पास के देशों में भारी तबाही मचाई है. जिसमें लगभग 1,644 लोग की जान चली गई, वहीं अभी की सारे लोगों का पता नहीं लग पाया है. इसके अलावा इस भूकंप ने तीन हजार से अधिक लोगों को बुरी तरह से घायल कर दिया है. जो शायद इस भूकंप को अपने जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे. हालांकि विपदा अभी टला नहीं है.
भूकंप को लेकर एक भूविज्ञानी ने सीएनएन से बात करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में शायद अभी और भी झटके आ सकते हैं. जिसके लिए लोगों को सावधान और तैयार रहने की जरूरत हैं. हालांकि देश में चल रहे गृहयुद्ध के बीच इस भूकंप के कारण काफी तबाही मची है.
भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इस भूकंप से उत्पन्न भूकंपीय बल लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर है. जिसका कल्पना आप कर सकते हैं. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक इस भूकंप में मरने वालों की संख्या लगभग 1700 बताई जा रही है. वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहले के अनुमानों के आधार पर अनुमान लगाया है कि इसमें मरने वालों की संख्या 10,000 से भी अधिक पहुंच सकती है. फीनिक्स ने कहा है कि अभी भी निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भूकंप के झटके महीनों तक जारी रह सकते हैं क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि म्यांमार में चल रहा गृहयुद्ध और संचार ब्लैकआउट बाहरी दुनिया को इस आपदा की पूरी जानकारी देने से रोक रहा है.
म्यांमार और थाईलैंड के इस खराब समय में दुनिया के कई देशों ने मदद देने के लिए अपने हाथ आगे किए हैं. भारत की ओर से म्यांमार में राहत पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा चलाया है. जिसके तहत 118 सदस्यीय भारतीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई को लेकर दो सी-17 विमान 60 टन राहत सामग्री के साथ पड़ोसी मुल्क पहुंचे हैं. इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम ने इस खराब समय पर म्यांमार को मानवीय सहायता के रूप में 10 मिलियन पाउंड यानी की 1,10,71,40,000.00 भारतीय रुपया देने का ऐलान किया है. वहीं चीन ने 100 मिलियन युआन यानी की 1,17,68,90,000.00 भारतीय रुपया देने का वादा किया है. इसके अलावा फिलीपींस, मलेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने भी मदद पहुंचाने के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं.