Thailand–Cambodia Border War: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. थाईलैंड की कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने चेतावनी दी है कि कंबोडिया के साथ जारी सीमा संघर्ष पूर्ण युद्ध का रूप ले सकता है.
इस विवाद ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है, जिसके चलते क्षेत्रीय और वैश्विक शांति पर खतरा मंडरा रहा है. थाईलैंड ने अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख देशों की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है, और द्विपक्षीय वार्ता पर जोर दे रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने थाईलैंड पर "अनुचित और सुनियोजित सैन्य आक्रमण" का आरोप लगाया है. इसके जवाब में, सुरक्षा परिषद आज रात न्यूयॉर्क में एक आपात बैठक आयोजित करने जा रही है. यह बैठक क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने और शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करेगी.
विस्थापन और मानवीय संकट
सीमा पर भारी हथियारों, टैंकों, और जेट विमानों के साथ चल रही भीषण लड़ाई ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई है. थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 130,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं. कंबोडिया के ओड्डार मीनचे प्रांत में भी हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. स्थानीय लोग भय और अनिश्चितता के साये में जी रहे हैं, जबकि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहार मंदिर के आसपास भी हमले दर्ज किए गए हैं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
मलेशिया, जो वर्तमान में आसियान का अध्यक्ष है, ने दोनों देशों से तत्काल युद्धविराम की अपील की है. अमेरिका, चीन, और यूरोपीय संघ ने भी शांति की अपील की है. हालांकि, थाईलैंड का मध्यस्थता से इनकार और सैन्य कार्रवाई का रुख चिंता का विषय बना हुआ है. दोनों देशों को तनाव कम करने और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब संयुक्त राष्ट्र की बैठक पर टिकी है.