UP Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल को अपने पाले में लाकर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है. यह कदम जातीय समीकरण को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
पूजा पाल पर क्यों है भाजपा की नजर?
कौशांबी के चायल से विधायक पूजा पाल हाल ही में सपा से निष्कासित हुई हैं. दरअसल, फरवरी 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान कर अपनी बगावत का परिचय दिया था. इसके बाद विधानमंडल के मानसून सत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की, जिसके चलते सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
सूत्रों का दावा है कि पूजा पाल की पाल जाति, जो यूपी की करीब 7% आबादी का प्रतिनिधित्व करती है, को साधने के लिए भाजपा उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. हाल ही में उनकी योगी से मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दी है.
नवरात्रि में विस्तार की संभावना
मंत्रिमंडल विस्तार की समयसीमा को लेकर सूत्रों का कहना है कि यह नवरात्रि के दौरान हो सकता है. धार्मिक और शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए यह समय चुना जा सकता है. इस विस्तार में कुछ नए चेहरों को शामिल करने की भी संभावना है.
अन्य बागी विधायकों का क्या?
पूजा पाल के अलावा सपा ने तीन अन्य बागी विधायकों—ऊंचाहार से मनोज पांडेय, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह और गोसाईंगंज से अभय प्रताप सिंह—को भी निष्कासित किया था. चर्चा है कि ये नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं.
लोक निर्माण विभाग में बदलाव की अटकलें
लोक निर्माण विभाग, जो जितिन प्रसाद के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी के पास है, को लेकर भी चर्चा है. सूत्रों के अनुसार, इस विभाग का दायित्व किसी वरिष्ठ नेता को सौंपा जा सकता है. यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की यह रणनीति न केवल भाजपा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि जातीय समीकरणों को साधने में भी मददगार साबित होगी. पूजा पाल और अन्य बागी विधायकों के शामिल होने से यूपी की सियासत में नया मोड़ आ सकता है.