यूपी विधानसभा में इस पार्टी की बढ़ी ताकत, मुख्तार अंसारी के बेटे की विधायकी बहाल

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की ताकत बढ़ गई है. मऊ विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल होने के बाद सुभासपा के विधायकों की संख्या फिर से छह हो गई है.

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Abbas Ansari MLA post restored: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की ताकत बढ़ गई है. मऊ विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल होने के बाद सुभासपा के विधायकों की संख्या फिर से छह हो गई है. विधानसभा सचिवालय ने 8 सितंबर 2025 को इस संबंध में आदेश जारी किया, जिससे ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली पार्टी को बड़ी राहत मिली है.

अब्बास अंसारी की विधायकी का सफर

अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा के टिकट पर मऊ सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि, हेट स्पीच मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 31 मई 2025 को उन्हें दो साल की सजा सुनाई, जिसके बाद 1 जून को उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी. इस फैसले से सुभासपा के विधायकों की संख्या छह से घटकर पांच रह गई थी, और मऊ सीट को रिक्त घोषित कर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई थी.

हाईकोर्ट के फैसले से मिली राहत

अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. 20 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल कर दी. इस फैसले ने सुभासपा को नई ताकत दी है. अब मऊ सीट से अब्बास अंसारी के साथ-साथ जहूराबाद से ओम प्रकाश राजभर, बेल्थारा से हंसु राम, जाखनियन से त्रिवेणी राम, महादेवा से दूधराम, और जाफराबाद से जगदीश नारायण सुभासपा के विधायक हैं.

सुभासपा का राजनीतिक सफर

2022 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन किया था और छह सीटें जीती थीं. लेकिन सपा और सुभासपा के बीच बढ़ती दूरियों के कारण यह गठबंधन टूट गया. इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए का दामन थाम लिया और वर्तमान में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. अब्बास अंसारी की विधायकी बहाली ने सुभासपा की स्थिति को और मजबूत किया है.