'भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र इसलिए क्योंकी हिंदू बहुसंख्यक है...', यूपी विधानसभा में गरजे राजा भैया

जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह, जिन्हें राजा भैया के नाम से जाना जाता है, उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक प्रभावशाली बयान दिया.

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UP Politics: जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह, जिन्हें राजा भैया के नाम से जाना जाता है, उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक प्रभावशाली बयान दिया. उन्होंने देश की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की मजबूती का श्रेय हिंदू बहुसंख्यक समाज को दिया. यह बयान विधानसभा में 24 घंटे की चर्चा के दौरान आया, जिसमें उन्होंने भारत को विश्व गुरु बनाने के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला.

हिंदू समाज की भूमिका पर जोर

राजा भैया ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि हमले में हिंदुओं को निशाना बनाया गया, न कि किसी विशेष जाति को. उन्होंने कहा, "भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और जनसंख्या वाला देश है.

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां हिंदू समाज बहुसंख्यक है. भारत की धर्मनिरपेक्षता का आधार यही सनातन संस्कृति है." यह बयान देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है.

इमरजेंसी और संविधान की प्रस्तावना पर सवाल

इमरजेंसी के दौरान संविधान की प्रस्तावना में बदलाव का जिक्र करते हुए राजा भैया ने सवाल उठाया कि विश्व में ऐसा कौन सा देश है, जहां संविधान की प्रस्तावना ही बदल दी गई हो. उन्होंने कहा, "इमरजेंसी के समय, जब देश में लोकतंत्र कमजोर था, तब प्रस्तावना में संशोधन किया गया. यह एक असाधारण और चिंताजनक कदम था."

अहिंसा और धर्म की व्याख्या

'अहिंसा परमो धर्मः' के सिद्धांत पर बोलते हुए राजा भैया ने कहा कि यह सही है, लेकिन इसकी दूसरी पंक्ति 'धर्म हिंसा तथैव च' को भी नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने महाकुंभ के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रयागराज में व्यवस्था इतनी शानदार थी कि शायद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इतनी बार गोरखपुर नहीं गए होंगे, जितनी बार वे प्रयागराज आए.

भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प

24 घंटे की चर्चा में राजा भैया ने जोर देकर कहा कि यह सत्र केवल भाषणबाजी के लिए नहीं, बल्कि भारत को 2047 तक विश्व गुरु बनाने के लिए विचार-मंथन का अवसर था. उन्होंने कहा, "नेता और सरकारें आएंगी-जाएंगी, लेकिन राष्ट्र सर्वोपरि है. हमें यह सोचना होगा कि आधुनिक युग में भारत कैसे वैश्विक नेतृत्व कर सकता है."