नेपाल में फंसे मुजफ्फरनगर के 10 व्यापारी, BJP नेता की गुहार पर विदेश मंत्रालय ने मांगी डिटेल

नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ भड़के जन-आंदोलन ने पूरे देश को अस्थिर कर दिया है. युवा पीढ़ी (Gen-Z) के नेतृत्व में शुरू हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर चुके हैं, जिसमें संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति कार्यालय पर हमले हो चुके हैं.

Date Updated
फॉलो करें:

Nepal violence 2025: नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ भड़के जन-आंदोलन ने पूरे देश को अस्थिर कर दिया है. युवा पीढ़ी (Gen-Z) के नेतृत्व में शुरू हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर चुके हैं, जिसमें संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति कार्यालय पर हमले हो चुके हैं.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि 20 से अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हो चुके हैं. ऐसे संकटपूर्ण हालात में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के 10 व्यापारियों की सुरक्षा चिंता का विषय बनी हुई है. इनमें स्थानीय BJP नेता सुनील तायल भी शामिल हैं.

काठमांडू में बिगड़े हालात

नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और X समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसका कारण इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन न कराना बताया गया. लेकिन यह फैसला भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझते युवाओं के गुस्से का ट्रिगर बन गया.

8 सितंबर को काठमांडू की सड़कों पर छात्रों का शांतिपूर्ण मार्च हिंसा में बदल गया. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में आग लगाई, तो पुलिस ने आंसू गैस और गोलीबारी की. नतीजा? इंटरनेट-बिजली सेवाएं ठप, कर्फ्यू लग गया और ओली सरकार गिर गई. अब पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा है.

पशुपतिनाथ दर्शन के बहाने फंसे मुजफ्फरनगर के यात्री

मुजफ्फरनगर के ये 10 व्यापारी 7 सितंबर को भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए काठमांडू पहुंचे थे. दर्शन के बाद बाजार घूमते हुए 8 सितंबर को अचानक हिंसा भड़क उठी. अफरा-तफरी में उनका सामान सड़क पर छूट गया. किसी तरह स्थानीय गाइड की मदद से वे एक होटल में शरण ले सके. इंटरनेट कटने से परिवारों का संपर्क टूट गया. 10 सितंबर की सुबह एक संक्षिप्त फोन कॉल से पता चला कि सभी डरे-सहमें होटल में कैद हैं.

बाहर हथियारबंद भीड़ और आगजनी का माहौल है. फंसे लोगों में सुनील तायल (BJP जिला संयोजक), वरुण धनखड़, आशु बंसल, अजय जैन, सुशील त्यागी, भोपाल सिंह, पवन कुमार, कुलदीप सिंह, सचिन गुप्ता और प्रवीण गुप्ता शामिल हैं. परिवारजन घबराए हुए हैं और सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं.

विदेश मंत्रालय ने मांगी डिटेल

इस घटना की जानकारी मिलते ही मुजफ्फरनगर से BJP विधायक और कैबिनेट मंत्री कपिल देव अग्रवाल सक्रिय हो गए. उन्होंने सुनील तायल के परिवार से मुलाकात की और तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी तथा विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा. पत्र में सभी 10 लोगों की पूरी डिटेल नाम, संपर्क और लोकेशन दे दी गई है. अग्रवाल ने कहा, "नेपाल में हालात बेहद नाजुक हैं. हमारी सरकार इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगी. भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क में हैं." विदेश मंत्रालय ने एयर इंडिया को विशेष उड़ानें चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि फंसे भारतीयों को निकाला जा सके.

पड़ोसी की अस्थिरता से चिंता

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता भारत के लिए भी खतरा है. सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की बढ़ती दखलंदाजी ने इस संकट को और गहरा दिया. Gen-Z आंदोलन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नई उम्मीद जगाई है, लेकिन हिंसा बंद होने तक हालात सामान्य नहीं होंगे. मुजफ्फरनगर के इन यात्रियों की तरह सैकड़ों भारतीय पर्यटक फंसे हैं. अब सवाल यह है कि क्या अंतरिम सरकार जल्द बनेगी या अराजकता और फैलेगी?