Disha Patani firing case: बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित पैतृक आवास पर दो दिनों में हुई दो फायरिंग की घटनाओं ने पूरे राज्य और दिल्ली में सनसनी फैला दी है. 11 और 12 सितंबर 2025 को हुई इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय निवासियों में दहशत पैदा की, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया.
इस मामले में कनाडा-बेस्ड गैंगस्टर गोल्डी बरार ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जबकि लारेंस बिश्नोई गैंग ने रोहित गदारा पर पलटवार करते हुए उसे 'नकली सनातनी' करार दिया है.
पहली घटना: 11 सितंबर की फायरिंग
11 सितंबर की सुबह करीब 4:30 बजे बरेली के सिविल लाइन्स इलाके में दिशा पाटनी के पैतृक घर, विला नंबर 40, के बाहर फायरिंग की पहली घटना हुई. प्रत्यक्षदर्शियों और पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी, लेकिन उस समय कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई. पुलिस जांच में सामने आया कि दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और हवा में 2-3 राउंड फायरिंग कर फरार हो गए.
इस घटना की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और दिल्ली के स्लम इलाकों से दो नाबालिगों को हिरासत में लिया. पूछताछ में पता चला कि ये नाबालिग गोल्डी बरार गैंग के लिए काम कर रहे थे और उन्हें बरेली भेजा गया था. दोनों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है.
दूसरी घटना: 12 सितंबर का हमला
अगले दिन, 12 सितंबर की रात करीब 3:30 बजे, दूसरी फायरिंग की घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. दिशा के पिता, रिटायर्ड डीएसपी जगदीश सिंह पाटनी, उस समय घर पर मौजूद थे. उनके पालतू कुत्तों ने असामान्य हलचल को भांपकर उन्हें सतर्क किया.
जब जगदीश बालकनी पर पहुंचे और दो संदिग्धों से सवाल किया, तो एक हमलावर ने 'उसे मार दो' कहते हुए गोलीबारी शुरू कर दी. जगदीश ने बालकनी के पिलर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई. इस हमले में कुल 8-10 राउंड फायरिंग हुई, जिसमें दो हवाई फायर भी शामिल थे. सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल पर सवार हमलावर स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. पुलिस ने पुष्टि की कि हमलावरों ने 9 एमएम की विदेशी पिस्तौल का इस्तेमाल किया, जो इस मामले में नया सुराग है.
मुख्य बिंदु
एनकाउंटर में दो बदमाश ढेर
12 सितंबर की घटना के बाद यूपी पुलिस, दिल्ली स्पेशल सेल और हरियाणा एसटीएफ ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन शुरू किया. बरेली एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि हमलावर दिल्ली-लखनऊ हाईवे के रास्ते बरेली में घुसे और महज 7-8 मिनट में फायरिंग कर फरार हो गए. पुलिस ने छह विशेष टीमें गठित कीं और 17 सितंबर को गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी में संदिग्धों को घेर लिया.
इस दौरान दो बदमाशों, रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण, ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसमें एक दिल्ली पुलिसकर्मी घायल हो गया. जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश मारे गए. ये दोनों रोहित गदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. बाकी दो आरोपियों की तलाश में पुलिस का सर्च ऑपरेशन तेजी से चल रहा है.
गोल्डी बरार का दावा
12 सितंबर की फायरिंग के बाद गोल्डी बरार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हमले की जिम्मेदारी ली. उसने दावा किया कि यह हमला दिशा और उनकी बहन खुशबू पाटनी द्वारा संत प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों का बदला है. खुशबू के लिव-इन रिलेशनशिप पर दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दिया, जिसे परिवार ने साजिश करार दिया है. जगदीश पाटनी ने स्पष्ट किया कि खुशबू ने कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. दिशा, जो मुंबई में रहती हैं, ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर चुप्पी साध रखी है.
लारेंस बिश्नोई गैंग का तीखा पलटवार
इस बीच, लारेंस बिश्नोई गैंग ने रोहित गदारा के दावों पर कड़ा जवाब दिया. गैंग के सदस्य हैरी बॉक्सर ने सोशल मीडिया पर 'जय श्री राम' के साथ एक पोस्ट साझा की, जिसमें गदारा को 'नकली सनातनी' और 'जयचंद' करार दिया गया. पोस्ट में कहा गया कि कुछ लोग सनातन धर्म के नाम पर समाज को भड़काने और बहन-बेटियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. गैंग ने दावा किया कि गदारा को उनकी हरकतों के कारण ग्रुप से निकाल दिया गया था और वह केवल निजी स्वार्थ के लिए ऐसी गतिविधियां कर रहा है.
सीएम योगी ने जगदीश पाटनी से की बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जगदीश पाटनी से फोन पर बात की और जांच को जल्द से जल्द सुलझाने के निर्देश दिए. बरेली कोतवाली थाने में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि बाकी फरार आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा.
दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग की घटनाएं न केवल एक आपराधिक मामला हैं, बल्कि इनके पीछे गहरे सामाजिक और धार्मिक विवाद भी उभरकर सामने आए हैं. गोल्डी बरार और लारेंस बिश्नोई गैंग के बीच चल रही तनातनी ने इस मामले को और जटिल बना दिया है. पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सरकार के सख्त रुख से उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का पूरी तरह खुलासा होगा.