Jyoti Sharma suicide: ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया है. विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने इस मामले की जांच को अंतिम रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
गुरुवार को समिति ने लुक्सर जेल में बंद निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महिंदर सिंह चौहान और सहायक प्रोफेसर डॉ. शैरी वशिष्ठ से मुलाकात कर उनके बयान दर्ज किए. सूत्रों के अनुसार, समिति शुक्रवार शाम तक अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप सकती है.
पुलिस को रिपोर्ट का इंतजार
नोएडा पुलिस इस जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रही है, क्योंकि इसके आधार पर अन्य संदिग्ध शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई संभव है. 18 जुलाई को गुरुग्राम निवासी 21 वर्षीय ज्योति शर्मा ने मंडेला गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उनके सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की.
निलंबन की कार्रवाई
ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा ने डेंटल साइंस विभाग के डीन डॉ. एम. सिद्धार्थ, विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष चौधरी, प्रोफेसर डॉ. अनुराग, डॉ. सुरभि, डॉ. महिंदर सिंह चौहान, और डॉ. शैरी वशिष्ठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने डॉ. चौहान और डॉ. वशिष्ठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. विश्वविद्यालय ने सभी आरोपित शिक्षकों को निलंबित कर दिया और पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की.
जांच में देरी के कारण
शनिवार को परिजनों और छात्रों के विरोध प्रदर्शन, रविवार को विश्वविद्यालय की छुट्टी, और 23 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि के कारण जांच में देरी हुई. अब समिति की रिपोर्ट से मामले में नए खुलासे की उम्मीद है. परिजन और छात्र संगठन सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ गई है.