पश्चिमी यूपी को 'मिनी पाकिस्तान' बताने पर रामभद्राचार्य के बयान पर छिड़ा विवाद, चंद्रशेखर आजाद का तीखा प्रहार

देश में संतों के बीच विवाद छिड़ा हुआ है, वहीं राजनेता अब जगद्गुरुओं के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं. जगद्गुरु रामभद्राचार्य के "मिनी पाकिस्तान" वाले बयान ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है. आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

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Courtesy: Social Media

Jagadguru Rambhadracharya statement: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके को 'मिनी पाकिस्तान' करार देने वाले जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के विवादित बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हंगामा मचा दिया है. इस विवाद में अब आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी कूद पड़े हैं. बिना नाम लिए उन्होंने रामभद्राचार्य पर करारा व्यंग्य कसते हुए कहा कि एक ऐसे 'संत' की कल्पना कीजिए, जिनकी आंखें ही नहीं हैं, तो सोचिए उनके कितने पाप होंगे? 

हिंदू संकट का किया जिक्र

हाल ही में मेरठ के विक्टोरिया पार्क में आयोजित रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 'मिनी पाकिस्तान' जैसा बताया. उन्होंने कहा, "आज हिंदुओं पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. यहां आकर लगता है जैसे मिनी पाकिस्तान में प्रवेश हो गया हो."

उनका यह बयान हिंदू जागरण और पलायन के मुद्दे पर केंद्रित था, लेकिन इससे क्षेत्रीय भावनाएं आहत हो गईं. रामभद्राचार्य ने आगे जोर देकर कहा कि संभल जैसे इलाकों से हिंदू पलायन हो रहा है और हिंदुओं को संगठित होना चाहिए. इस बयान के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने इसे नफरत फैलाने वाला करार दिया. बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसे सही ठहराया, लेकिन अधिकांश ने चुप्पी साधी.

'आंखों की कमी पूर्व जन्म के पापों का फल'-  चंद्रशेखर

बुधवार को बरेली में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में चंद्रशेखर आजाद ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "संत की न तो जाति होती है, न धर्म. संत तो सभी धर्मों के होते हैं. लेकिन एक ऐसे व्यक्ति की कल्पना कीजिए, जो खुद को संत कहता है और बचपन से आंखों से वंचित है. सनातन धर्म के अनुसार, पूर्व जन्म के कर्मों का फल मिलता है. तो सोचिए, उन्होंने पिछले जन्म में कितने बुरे काम किए होंगे कि कुदरत ने उन्हें आंखें ही न दीं?"

आजाद ने आगे कहा, "ऐसे 'अपराधी' से लोग ज्ञान ले रहे हैं, जो मेरठ जैसी पवित्र धरती को मिनी पाकिस्तान कहते हैं. यह निंदनीय है." उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरठ 1857 की क्रांति और किसानों की धरती है, इसे गलत तरीके से संबोधित करना समाज-विरोधी है. सम्मेलन में दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों लोग शामिल हुए, जहां आजाद ने बदलाव की बात पर जोर दिया.

शंकराचार्य से सपा तक की आलोचना

इस बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "योगी राज में पाकिस्तान बन रहा है, यह सोचने वाली बात है." समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक ने इसे निजी सोच बताया और कहा कि पश्चिमी यूपी भारत का अभिन्न अंग है. सपा नेता शिवपाल यादव ने भी इसे गलत ठहराया.

मुस्लिम धर्मगुरु कारी मोहम्मद जमील ने एकता की अपील की, जबकि नेहा सिंह राठौर जैसे कार्यकर्ताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा. रामभद्राचार्य अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन विवाद बढ़ने से सामाजिक तनाव का खतरा मंडरा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयान धार्मिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाते हैं.