Belav Ghat Murder Case: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र में 1 अप्रैल 2010 को हुए बेलाव घाट दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ी राहत मिली है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया. इस फैसले के बाद धनंजय सिंह ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था और कोर्ट का यह निर्णय उनके लिए न्याय की जीत है.
क्या था बेलाव घाट हत्याकांड?
1 अप्रैल 2010 की सुबह बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद में संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने जौनपुर में सनसनी मचा दी थी. पुलिस ने सुनीत सिंह और पुनीत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया, जबकि तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी आशुतोष सिंह पर हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप लगा. पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की, जिसमें धनंजय सिंह भी शामिल थे.
गवाहों ने बदले बयान
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने 28 गवाह पेश किए, लेकिन अधिकांश गवाह अपने बयानों से मुकर गए. साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने धनंजय सिंह और अन्य आरोपियों को निर्दोष माना. जज मोहम्मद शारिक सिद्दीकी ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया.
धनंजय सिंह का बयान
बरी होने के बाद धनंजय सिंह ने कहा, “मुझे हमेशा न्यायपालिका पर भरोसा था. यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक साजिश था.” उनके समर्थकों में फैसले के बाद खुशी की लहर दौड़ गई.