Ayodhya Masdjid: अयोध्या में धन्नीपुर मस्जिद के निर्माण को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है. इस मस्जिद का डिज़ाइन अब अवधी शैली में तैयार किया जा रहा है, जो स्थानीय संस्कृति और परंपरा को प्रतिबिंबित करेगा. पहले प्रस्तावित नक्शे को खारिज करने के बाद, अब एक नया डिज़ाइन तैयार किया गया है, जो जल्द ही अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) को सौंपा जाएगा. मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने इसकी पुष्टि की है.
अवधी शैली में बनेगी मस्जिद
नए डिज़ाइन में मस्जिद को अवध की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप बनाया जाएगा. मस्जिद के बीच में एक बड़ा गुंबद होगा, जिसके चारों ओर पांच मीनारें बनाई जाएंगी. विदेशी मस्जिदों की तरह इसमें शीशे का उपयोग कम से कम होगा, ताकि यह स्थानीय वास्तुकला से मेल खाए. फारुकी ने बताया कि नया नक्शा अवधी शैली को प्राथमिकता देता है, जिसे स्थानीय समुदाय ने भी सराहा है. इस डिज़ाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही इसे एडीए के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
पहले नक्शे को क्यों किया गया खारिज?
पहले प्रस्तावित नक्शा, जिसे जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट एमएस अख्तर ने तैयार किया था, खाड़ी और पश्चिमी देशों की मस्जिदों की शैली पर आधारित था. यह नक्शा स्थानीय लोगों को पसंद नहीं आया.
इसके अलावा, एक आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया कि फायर डिपार्टमेंट ने इस नक्शे को एनओसी न देने के कारण खारिज कर दिया था. हालांकि, फारुकी ने स्पष्ट किया कि नक्शे का खारिज होना कोई बड़ी बाधा नहीं है, क्योंकि यह डिज़ाइन समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं था.
मस्जिद निर्माण का इतिहास
सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर 2019 के ऐतिहासिक फैसले के बाद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. यह जमीन 23 जून 2021 को औपचारिक रूप से सौंपी गई. हालांकि, इसके बाद से निर्माण कार्य में देरी हुई, लेकिन अब नए नक्शे के साथ प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है.
नया नक्शा 2024 में तैयार किया गया था और अब यह अंतिम चरण में है. मस्जिद ट्रस्ट का लक्ष्य है कि यह परियोजना न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक महत्व का भी प्रतीक बने. अवधी शैली में निर्मित यह मस्जिद अयोध्या की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेगी.