यूपी के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति, रेस में तीन दिग्गज IAS अधिकारी

उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है. उनके सेवा विस्तार की संभावनाएं कमजोर नजर आ रही हैं, जिसके चलते नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं

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Uttar Pradesh Chief Secretary: उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है. उनके सेवा विस्तार की संभावनाएं कमजोर नजर आ रही हैं, जिसके चलते नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. सूत्रों के अनुसार, इस प्रतिष्ठित पद के लिए तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम सबसे आगे चल रहे हैं.

मनोज कुमार सिंह का सेवा विस्तार अनिश्चित

राज्य सरकार ने मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार के लिए लगभग 15 दिन पहले केंद्र सरकार को पत्र भेजा था. हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नए मुख्य सचिव की नियुक्ति जल्द ही हो सकती है.

रेस में सबसे आगे

1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल (एसपी गोयल) इस दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं. वर्तमान में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत गोयल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र अधिकारियों में से एक हैं. उनकी नौकरशाही पर मजबूत पकड़ और प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाता है. गोयल का कार्यकाल जनवरी 2027 तक है.

चर्चा में आईएएस अधिकारी 

दूसरे स्थान पर 1989 बैच के ही आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी का नाम चर्चा में है. वह वर्तमान में केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत हैं. गोरखपुर में जिलाधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग रही. हालांकि, उनका कार्यकाल फरवरी 2026 तक सीमित है.

उनका उभरता नाम

1990 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार भी इस रेस में शामिल हैं. वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव (वित्त) के पद पर तैनात कुमार अक्टूबर 2026 तक सेवा में रहेंगे. उनकी प्रशासनिक क्षमता और योगी सरकार के प्रति निष्ठा उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है.

उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर उत्सुकता चरम पर है. इन तीनों अधिकारियों की वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि अंततः यह जिम्मेदारी किसे सौंपी जाती है.