ग्रेटर नोएडा निक्की हत्याकांड पर अखिलेश यादव ने जताया दुख, पुलिस ने शुरू की कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा के कासना थाना क्षेत्र में मृतका के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दहेज की मांग को लेकर उसके ससुराल वालों ने उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ समाज में गुस्सा भड़क उठा है.

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Greater Noida dowry murder case: ग्रेटर नोएडा के कासना थाना क्षेत्र में मृतका के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दहेज की मांग को लेकर उसके ससुराल वालों ने उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ समाज में गुस्सा भड़क उठा है.

दहेज हत्या की कड़ी निंदा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या का समाचार अत्यंत दुखद और निंदनीय है. दहेज लालच का पर्याय है और नारी के प्रति भेदभाव का सबसे क्रूर रूप है.

इसकी जड़ में रूढ़िगत और सामंती सोच है, जो महिलाओं को दोयम दर्जे का मानती है." उन्होंने समाज और सरकार से इस सोच को बदलने के लिए सकारात्मक प्रयास करने की अपील की. अखिलेश ने यह भी कहा कि हत्यारों ने अपने लिए ऐसी सजा चुनी है, जिसमें उनके परिवार के निर्दोष लोग भी मानसिक पीड़ा झेलेंगे.

पुलिस की कार्रवाई

मृतका की बहन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी पति विपिन भाटी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा, अन्य आरोपियों की तलाश के लिए दो विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं. डीसीपी ने बताया कि पीड़िता के परिजनों ने थाने पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी, जिसके जवाब में पुलिस ने तुरंत कदम उठाए.

हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हत्या की धारा के तहत एफआईआर दर्ज की है. डीसीपी ने आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी. पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने परिजनों को कुछ राहत दी है, लेकिन समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

यह घटना एक बार फिर दहेज प्रथा की भयावहता को उजागर करती है. समाज को इस कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाने की जरूरत है. सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए.