चंडीगढ़: पंजाब में औद्योगिक विकास की नई कहानी लिखी जा रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार ने छोटे, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं.
सरकार की उद्यमी-हितैषी नीतियों और सरल प्रक्रियाओं के चलते अब पंजाब निवेश और रोजगार के क्षेत्र में देशभर में एक नया उदाहरण बन गया है. उद्योगों का यह उभार न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति दे रहा है, बल्कि आत्मनिर्भरता की राह भी बना रहा है.
मार्च 2022 से मार्च 2025 के बीच पंजाब में 10,32,682 नए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम रजिस्टर्ड हुए हैं. यह आंकड़ा दर्शाता है कि उद्योग जगत में भरोसे का माहौल बना है. इन नए उद्यमों ने अब तक 24,806.91 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे रोजगार और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी हुई है. पंजाब अब सिर्फ कृषि नहीं, बल्कि उद्योगों के क्षेत्र में भी अपनी पहचान मजबूत कर रहा है.
मान सरकार की नीतियों का असर यह है कि महिला उद्यमियों ने भी बड़ी संख्या में उद्योग शुरू किए हैं. कुल नए पंजीकृत उद्योगों में 2,55,832 की मालिक महिलाएं हैं. यह संख्या न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पंजाब में महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं, 7,73,310 उद्योग पुरुषों के नाम पर हैं, जिससे राज्य के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी झलकती है.
पंजाब में छोटे-छोटे मैन्युफैक्चरिंग उद्योग तेजी से उभरे हैं. राज्य में 2,57,670 नई निर्माण इकाइयाँ शुरू हुई हैं, जिनमें कुल 9,009 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इनमें 2,54,764 सूक्ष्म उद्योग हैं, जो स्थानीय स्तर पर उत्पादन और रोजगार का बड़ा स्रोत बन रहे हैं. यह दिखाता है कि गांव और कस्बे भी अब औद्योगिक विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं.
सर्विस सेक्टर में भी पंजाब ने जबरदस्त प्रगति की है. दुकानों, परिवहन, होटल और तकनीकी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में 3,51,467 नई इकाइयाँ रजिस्टर्ड हुई हैं. इस क्षेत्र में 7,135 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया है. इनमें 3,50,454 माइक्रो इकाइयाँ शामिल हैं. यह दर्शाता है कि छोटे व्यापारी और सेवा प्रदाता तेजी से आत्मनिर्भर हो रहे हैं, जिससे राज्य के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं.
पंजाब में व्यापारिक गतिविधियों में भी बड़ा उछाल आया है. ट्रेडिंग सेक्टर में 4,23,545 नए उद्यम स्थापित हुए हैं, जिनमें 8,663 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इनमें से ज्यादातर सूक्ष्म व्यापारी हैं, जिन्होंने पंजाब को उत्तर भारत का एक उभरता हुआ व्यापारिक केंद्र बना दिया है. यह निवेश न केवल बाजारों को गति दे रहा है, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ा रहा है.
मान सरकार सिर्फ वर्तमान पर नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी पर भी जोर दे रही है. 22 फरवरी 2024 को पंजाब सरकार ने एक समर्पित “MSME विंग” के गठन को मंजूरी दी. यह विंग छोटे उद्योगों को लोन, नई तकनीक और वैश्विक बाजारों तक पहुंच में मदद करेगा. यह कदम राज्य के औद्योगिक ढांचे को और मज़बूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.