पंजाब में बाढ़ की मार ने गांवों और शहरों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था. पानी भरने से लोगों के सामने स्वास्थ्य संकट खड़ा हो गया था. लेकिन इस कठिन घड़ी में पंजाब सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए राहत कार्य शुरू किए. मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने साफ संदेश दिया कि यह सरकार केवल आदेश देने तक सीमित नहीं, बल्कि खुद जनता के बीच जाकर सेवा करने वाली है.
बाढ़ के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी महामारी और संक्रामक रोगों का फैलाव रोकना. इस खतरे को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने बड़े पैमाने पर सफाई, फॉगिंग और सैनिटाइजेशन अभियान शुरू किया. नंगल में इस मुहिम की शुरुआत हुई, जहां कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने खुद गली-मोहल्लों में जाकर सैनिटाइज़र का छिड़काव कराया. यह सक्रियता न सिर्फ जनता के लिए राहत बनी बल्कि यह विश्वास भी दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है.
मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने साफ कहा कि सरकार का उद्देश्य हर उस जगह तक पहुँचना है जहाँ बीमारी फैलने का खतरा है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोई भी परिवार सरकार की नजर से दूर नहीं रहेगा. इस बयान को केवल कागजी औपचारिकता नहीं रखा गया, बल्कि जमीनी स्तर पर इसे लागू किया गया. गाँवों और कस्बों में हुए सफाई और सैनिटाइजेशन से लोगों ने वास्तविक राहत महसूस की.
पंजाब सरकार ने बाढ़ राहत को केवल इंसानों तक सीमित नहीं रखा. ग्रामीण इलाकों में पशुओं के लिए भी विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित किसानों और पशुपालकों को इससे बड़ी राहत मिली. पशुधन की सुरक्षा से किसानों का आत्मविश्वास भी लौटा और यह संदेश गया कि सरकार दीर्घकालिक समाधान की दिशा में सोच रही है.
सबसे अहम बात यह रही कि सरकार के मंत्री और विधायक खुद मैदान में उतरे. नंगल में हरजोत सिंह बैंस द्वारा करवाए गए सैनिटाइजेशन छिड़काव ने साबित कर दिया कि यह सरकार केवल कागजों में नहीं, बल्कि जनता के दरवाजे तक पहुंचने वाली है. लोगों ने पहली बार महसूस किया कि सरकार परिवार की तरह उनका साथ दे रही है. यही वजह है कि जनता कह रही है—यह सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि उनकी अपनी सेवा है.