चंडीगढ़: पंजाब के गांवों में अब पढ़ाई का माहौल बदल रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य में 275 अत्याधुनिक ग्रामीण पुस्तकालय बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 58 पर काम तेजी से चल रहा है.
अबोहर की डॉ. भीमराव अंबेडकर पब्लिक लाइब्रेरी (आभा लाइब्रेरी) तो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, लोग हैरान हैं कि ये कोई पांच सितारा होटल नहीं, बल्कि सरकारी लाइब्रेरी है जो गरीब और ग्रामीण छात्रों के लिए मुफ्त खुली है.
5 स्टार सुविधाएं, गांव की पहुंच मेंये लाइब्रेरी कोई साधारण किताबघर नहीं, हाई-स्पीड वाई-फाई और कंप्यूटर सेक्शन. सोलर पावर और इन्वर्टर बैकअप. एयर कंडीशंड रीडिंग रूम, RO पानी. CCTV सुरक्षा, महिलाओं के लिए अलग सेक्शन.
कुछ में कैंटीन, पार्किंग और ग्रीन एरिया. सुबह 8 से रात 9 बजे तक खुली, कई में 24x7 स्टडी रूम हर लाइब्रेरी में UPSC, PCS, बैंकिंग, रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की हजारों किताबें हैं. जिला लाइब्रेरी में तो 65,000 से ज्यादा पुस्तकें.
15 अगस्त 2024 को खन्ना के इस्रू गांव से शुरू हुई इस योजना ने अब पूरे पंजाब को छा लिया है. बठिंडा में 29, फाजिल्का में 21, पटियाला में 18 जैसे कई जिलों में दर्जनों लाइब्रेरी चालू हो चुकी हैं.
हर लाइब्रेरी पर 30-35 लाख, जिला स्तर पर 1 करोड़ से ज्यादा खर्च.सीएम मान ने उद्घाटनों के दौरान कहा, “पहले बच्चे शहर जाकर महंगी कोचिंग करते थे. अब गांव में ही विश्वस्तरीय सुविधा मिल रही है. ये डॉक्टर, इंजीनियर, IAS बनाएंगे.”
UPSC की तैयारी कर रहे जगदीप सिंह ने बताया, “यहां का माहौल इतना अच्छा है कि घंटों पढ़ाई करने का मन करता है.” सीमावर्ती इलाकों के छात्र सबसे ज्यादा खुश पहले सुविधाओं का अभाव था, अब सब मुफ्त मिल रहा है. लड़कियां भी बड़ी संख्या में आ रही हैं.
पुरानी ब्रिटिश काल की लाइब्रेरियों का भी कायाकल्प किया गया है. संगरूर जिला लाइब्रेरी को 1.12 करोड़ में नया रूप दिया गया.यह योजना सिर्फ किताबें नहीं बल्कि ग्रामीण पंजाब के सपनों को पंख दे रही है. भगवंत मान सरकार ने साबित कर दिया कि जनता का पैसा सही जगह लगे तो क्रांति लाना मुश्किल नहीं.