Delhi Railway Station Accident : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की पहली सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस की टीमें मौके पर रवाना हुईं. रानी झांसी रोड स्टेशन से निकली दो यूनिट्स को देशबंधु गुप्ता रोड पर ट्रैफिक में फंसना पड़ा, जिसके बाद कनॉट प्लेस स्टेशन से अतिरिक्त दो टीमें रणजीत सिंह फ्लाईओवर के रास्ते स्टेशन भेजी गईं.
हजारों चप्पलें और दहशत में लोग
कनॉट प्लेस से पहुंचे अधिकारी राजिंदर अटवाल ने बताया कि जैसे ही वह प्लेटफॉर्म 14/15 की ओर बढ़े, उन्होंने वहां हजारों चप्पलें और सैंडल बिखरी देखीं. उन्होंने कहा कि स्टेशन पर भीड़ अब भी बहुत ज्यादा थी. मैं अक्सर स्टेशन आता हूं, लेकिन इतनी भारी भीड़ पहले कभी नहीं देखी. उन्होंने बताया कि जब उनकी टीम वहां पहुंची, तब प्लेटफॉर्म 14 पर कोई ट्रेन नहीं थी, लेकिन 15 नंबर प्लेटफॉर्म पर यात्री ट्रेन में सवार हो रहे थे. अटवाल के अनुसार, उन्हें बताया गया कि भीड़ कम हो गई है, लेकिन दृश्य कुछ और ही था. "फुटओवर ब्रिज से जब मैंने नीचे देखा तो प्लेटफॉर्म 13 पर भी भारी भीड़ थी. ऐसा लग रहा था कि अगर जरा सी भी चूक हुई, तो बड़ा हादसा हो सकता है," उन्होंने कहा.
ट्रैफिक में फंसी रेस्क्यू टीमें
उन्होंने कहा कि पहले मौके पर पहुंची टीम के सदस्य मनीष कुमार ने बताया कि उनकी यूनिट पहाड़गंज साइड से स्टेशन जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन भारी ट्रैफिक के कारण उन्हें अजमेरी गेट की ओर से अंदर जाना पड़ा. लोग भगदड़ के बाद बाहर भाग रहे थे, जिससे सड़क पर भयंकर भीड़ थी। कुमार ने बताया कि यातायात प्रबंधन के लिए एक तरफ बैरिकेड लगा हुआ था, जिससे दूसरी ओर से वाहन बाहर निकल रहे थे. इस वजह से आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियां अंदर नहीं जा पा रही थीं.
स्थिति गंभीर
फायर सर्विस के अधिकारियों ने हालात को भयावह और गंभीर बताया. कुमार के अनुसार भीड़ पूरी तरह बेकाबू थी. लोग डर के मारे चीख-पुकार कर रहे थे. हमने कई घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने में मदद की और उनके परिवारवालों को सूचना दी. रेलवे अधिकारियों और कुलियों ने रेस्क्यू टीमों के पहुंचने से पहले ही कई शव हटा दिए थे. दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि उनकी टीम ने तीन शव उठाने में मदद की और कई घायलों को बाहर निकाला.