महेंद्र सिंह धोनी का चौंकाने वाला फैसला, 'कैप्टन कूल' को बनाया ट्रेडमार्क

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं. अपनी शांत और संतुलित छवि के लिए मशहूर धोनी ने 'कैप्टन कूल' नाम को ट्रेडमार्क कराने का बड़ा फैसला लिया है. यह आवेदन 5 जून 2025 को दायर किया गया और 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित हुआ.

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Mahendra Singh Dhoni: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं. अपनी शांत और संतुलित छवि के लिए मशहूर धोनी ने 'कैप्टन कूल' नाम को ट्रेडमार्क कराने का बड़ा फैसला लिया है. यह आवेदन 5 जून 2025 को दायर किया गया और 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित हुआ. इस कदम से धोनी ने अपनी ब्रांड वैल्यू को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

'कैप्टन कूल' का महत्व'

कैप्टन कूल' नाम धोनी के व्यक्तित्व का पर्याय बन चुका है. मैदान पर उनकी शांत और रणनीतिक सोच ने उन्हें फैंस और मीडिया में यह खास उपनाम दिलाया. चाहे वह बड़े टूर्नामेंट हों या दबाव भरे पल, धोनी ने हमेशा अपनी शांति और सूझबूझ से सभी को प्रभावित किया. यदि धोनी को इस नाम के ट्रेडमार्क राइट्स मिल जाते हैं, तो कोई भी व्यक्ति या संगठन इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं कर सकेगा.

ट्रेडमार्क की दौड़ में धोनी आगे

दिलचस्प बात यह है कि धोनी से पहले प्रभा स्किल स्पोर्ट्स (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड ने भी 'कैप्टन कूल' के लिए ट्रेडमार्क आवेदन किया था. धोनी की ओर से दलील दी गई है कि यह नाम वर्षों से उनके साथ जुड़ा हुआ है और इसे फैंस ने खूब पसंद किया है.

धोनी की कप्तानी का स्वर्णिम इतिहास

धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को तीन आईसीसी खिताब दिलाए: 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी. 2007 में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर सौंपना, 2011 में फाइनल में खुद को बल्लेबाजी के लिए ऊपर भेजना और 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ 130 रनों का लक्ष्य डिफेंड करना, ये सभी धोनी की रणनीतिक प्रतिभा के उदाहरण हैं.

धोनी का यह कदम उनकी ब्रांडिंग रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. हालांकि, धोनी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन यह फैसला उनके प्रशंसकों के बीच उत्साह का विषय बना हुआ है.