PF Claim: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने करोड़ों अंशधारकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. हाल ही में क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को तेज करने के बाद EPFO अब एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत भविष्य में अंशधारक अपने पीएफ फंड को एटीएम के जरिए निकाल सकेंगे.
लेकिन इन सकारात्मक कदमों के बीच एक चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है. मिंट की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में हर चौथा पीएफ क्लेम खारिज कर दिया गया.
कुल मिलाकर, लगभग 1.6 करोड़ दावे रिजेक्ट हुए, जिससे करोड़ों लोगों की मेहनत की कमाई अटक गई. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों हो रही है ये समस्या और इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्लेम रिजेक्शन के प्रमुख कारण
EPFO का सिस्टम दस्तावेजों और जानकारी की बारीकी से जांच करता है. अगर आपके रिकॉर्ड में छोटी-सी गलती, जैसे नाम की स्पेलिंग में अंतर, जन्मतिथि में त्रुटि, या नौकरी शुरू/छोड़ने की तारीख में भूल हो, तो आपका क्लेम तुरंत रिजेक्ट हो सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आधार कार्ड और EPFO रिकॉर्ड में आपके नाम में मामूली अंतर है, तो भी आपका दावा अटक सकता है. इसके अलावा, गलत बैंक खाता नंबर, IFSC कोड, या नियोक्ता की जानकारी में त्रुटि भी क्लेम रिजेक्शन का कारण बन सकती है.
UAN और आधार लिंकिंग की अनदेखी
आज के डिजिटल युग में EPFO की प्रक्रिया आधार और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की लिंकिंग पर निर्भर है. अगर आपका UAN आधार से लिंक नहीं है, तो क्लेम प्रक्रिया में बड़ी रुकावट आ सकती है. कई बार EPFO पोर्टल पर KYC अपडेट Approved दिखता है, लेकिन बैकएंड में जानकारी Undefined स्टेटस में फंस जाती है. इस तकनीकी खामी के कारण हजारों लोग अपने पीएफ फंड का महीनों तक इंतजार करते रहते हैं. इसलिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका UAN और आधार पूरी तरह से लिंक हों.
दो UAN नंबर की समस्या
कई बार नौकरी बदलने पर नई कंपनी गलती से दूसरा UAN नंबर जनरेट कर देती है, जबकि कर्मचारी का पुराना UAN पहले से मौजूद होता है. EPFO के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति के पास केवल एक UAN होना चाहिए. अगर दो UAN एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हों, तो उन्हें मर्ज करना और भी जटिल हो जाता है. ऐसी स्थिति में पीएफ क्लेम प्रक्रिया लंबी और परेशानी भरी हो सकती है.
गलत बैंक डिटेल्स और अधूरी जानकारी
पीएफ क्लेम फॉर्म भरते समय छोटी-छोटी गलतियां, जैसे गलत बैंक खाता नंबर, IFSC कोड, या नियोक्ता का नाम, क्लेम रिजेक्शन का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा, परिवार की जानकारी, जैसे माता-पिता या जीवनसाथी का नाम गलत दर्ज करना, भी दावे को अटका सकता है. कई बार कर्मचारी बिना जांचे फॉर्म जमा कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका क्लेम खारिज हो जाता है.
क्लेम रिजेक्शन से बचने के उपाय
पीएफ क्लेम रिजेक्शन से बचने के लिए पहले से सावधानी बरतना जरूरी है. निम्नलिखित कदम आपकी मदद कर सकते हैं:
क्या है आगे की राह
EPFO की नई योजनाएं, जैसे एटीएम के जरिए पीएफ निकासी, कर्मचारियों के लिए सुविधा बढ़ाएंगी. लेकिन जब तक ये सुविधाएं पूरी तरह लागू नहीं होतीं, तब तक अपनी जानकारी को अपडेट और सही रखना आपकी जिम्मेदारी है. छोटी-सी सावधानी आपके पीएफ क्लेम को रिजेक्शन से बचा सकती है और आपकी मेहनत की कमाई समय पर आपके खाते में पहुंच सकती है.