Income Tax Refund: आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जुलाई 2025 तक 75 लाख से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं, जिनमें से 71 लाख से ज्यादा का ई-वेरिफिकेशन भी पूरा हो चुका है.
रिफंड कितने दिनों में मिलता है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इनकम टैक्स विभाग में स्वचालन और प्रक्रिया सुधार के चलते अब सामान्यतः 10 दिनों के भीतर रिफंड जारी हो जाता है. हालांकि, हर मामला अलग होता है. कुछ मामलों में रिफंड कुछ ही दिनों में प्रोसेस हो जाता है, तो कुछ में हफ्तों लग सकते हैं. रिफंड की समयसीमा कई कारकों पर निर्भर करती है.
रिफंड में देरी के प्रमुख कारण
रिफंड प्रक्रिया में देरी के कई कारण हो सकते हैं. यदि ITR का ई-वेरिफिकेशन नहीं किया गया, तो रिफंड अटक सकता है. पैन और आधार का लिंक न होना भी देरी का कारण बनता है.
इसके अलावा, यदि TDS डिटेल्स फॉर्म 26AS से मेल नहीं खातीं, तो रिटर्न की दोबारा जांच होती है. गलत बैंक खाता नंबर या IFSC कोड जैसी त्रुटियां भी रिफंड को रोक सकती हैं. विभाग के नोटिस या ईमेल का जवाब न देना भी प्रक्रिया को लंबा खींच सकता है.
रिफंड जल्दी पाने के लिए जरूरी कदम
रिफंड जल्दी पाने के लिए ITR दाखिल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य है. यह आधार OTP, नेट बैंकिंग या अन्य डिजिटल माध्यमों से आसानी से किया जा सकता है. सही बैंक विवरण और समय पर नोटिस का जवाब देना भी महत्वपूर्ण है.