पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 3 की मौत, 50 से अधिक घायल

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार तड़के एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए.

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Jagannath Rath Yatra stampede: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार तड़के एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. यह भगदड़ सरधाबली के पास गुंडिचा मंदिर में हुई, जहां हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए एकत्र हुए थे.

अचानक ट्रकों का आगमन 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह करीब 4 बजे, लगभग 1,500 श्रद्धालु गुंडिचा मंदिर के आसपास रथों पर विराजमान भगवान के दर्शन के लिए जमा थे. इसी दौरान, दो ट्रक, जो पवित्र चारमाला लकड़ी लेकर आए थे, सरधाबली क्षेत्र में प्रवेश कर गए. ट्रकों का अचानक आगमन और बढ़ती भीड़ ने भगदड़ की स्थिति पैदा कर दी.

इस अफरा-तफरी में कई लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. मृतकों की पहचान बलिपटना की प्रभाती दास (52), गोडभंगा की बसंती साहू (42) और भुवनेश्वर के प्रेमकांत मोहंती (78) के रूप में हुई है.

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

हादसे के बाद एक पीड़ित के पति ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “जब यह हादसा हुआ, न तो अग्निशमन दल, न ही बचाव टीम और न ही अस्पताल कर्मियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी.” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी, स्वाधीन कुमार पांडा ने बताया कि भीड़ प्रबंधन अपर्याप्त था.

उन्होंने कहा कि वीआईपी के लिए अलग रास्ता बनाया गया, जिसके कारण आम लोगों को प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने को कहा गया, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई. इसके अलावा, अनधिकृत पास वाले वाहनों के मंदिर के पास पहुंचने से यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई.

रथ यात्रा का महत्व

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को घटना की जानकारी दे दी गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

पुरी की रथ यात्रा, जो शुक्रवार को शुरू हुई, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथों में यात्रा का प्रतीक है. यह यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जहां देवता एक सप्ताह तक विराजमान रहते हैं. यह उत्सव 1 जुलाई को समाप्त होगा.