सिद्धारमैया ने मोदी सरकार के 11 साल के प्रदर्शन को दिया शून्य अंक, उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल का मूल्यांकन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल के कार्यकाल को 10 में से शून्य अंक दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दुष्प्रचार के बल पर चल रही है, लेकिन बेरोजगारी, महंगाई, सूखा और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

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Modi govt performance appraisal: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल के कार्यकाल को 10 में से शून्य अंक दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दुष्प्रचार के बल पर चल रही है, लेकिन बेरोजगारी, महंगाई, सूखा और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

सिद्धारमैया ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को पारदर्शी तरीके से जनता के सामने पेश नहीं किया है. उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और अब लोग उनके खुद के कार्यकाल के प्रदर्शन पर भी सवाल उठा रहे हैं.

सीएम के रूप में कैसा रहा प्रदर्शन

सिद्धारमैया, जो 20 मई 2023 से कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, ने इससे पहले 2013 से 2018 तक भी इस पद पर कार्य किया. वह कर्नाटक के इतिहास में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले चुनिंदा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं. उनके नेतृत्व में, कर्नाटक ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 135 सीटों के साथ शानदार जीत दिलाई.

उनके कार्यकाल में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं, जैसे कि अन्ना भाग्य योजना, जिसके तहत गरीबों को मुफ्त चावल प्रदान किया गया, और इंदिरा कैंटीन, जो शहरी गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराती है. हाल ही में, उन्होंने राजस्व संग्रह और जीएसटी में बेहतर प्रदर्शन की समीक्षा की, जहां कर्नाटक ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया.

चुनौतियां और विवाद

हालांकि, सिद्धारमैया का कार्यकाल विवादों से मुक्त नहीं रहा. उन पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगे हैं, और हाल ही में बेंगलुरु में स्टेडियम के पास हुई भगदड़, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई, ने उनकी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए. भाजपा ने इसे सरकार की लापरवाही का परिणाम बताया.

सिद्धारमैया के प्रदर्शन को 1 से 10 के पैमाने पर मूल्यांकन करें, तो उनकी सामाजिक कल्याण योजनाओं, आर्थिक प्रगति और राजस्व संग्रह में सफलता के लिए सराहना की जाती है. हालांकि, कानून-व्यवस्था और विवादों को संभालने में कमियां उनकी रेटिंग को प्रभावित कर सकती हैं. हम उन्हें 10 में से 7 अंक देते हैं.